कोरेगांव की घटना के विरोध में बंद रहा बालाघाट

balaghat called off against bheema Koregaon Violence
कोरेगांव की घटना के विरोध में बंद रहा बालाघाट
कोरेगांव की घटना के विरोध में बंद रहा बालाघाट

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। महाराष्ट्र के पुणे में भीमा कोरेगांव युद्ध की 200 वीं सालगिरह के मौके पर हुई हिंसा के विरोध में भीमा कोरेगांव संघर्ष समिति, मुस्लिम, दलित संगठन सहित विभिन्न संगठनों के सहयोग से रविवार 7 जनवरी को बुलाए गए बंद का असर बालाघाट सहित भरवेली और नवेगांव में भी रहा। सुबह से ही बंद का आव्हान कर रहे संगठन के लोग समूह के रूप में बंद कराने घूमते रहे। लोगों ने बंद में अपना सहयोग दिया। बंद से व्यवसायिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, बस और ट्रांसपोर्ट सेवाएं दोपहर 1 बजे तक बंद रही। हालांकि इस बंद के दौरान मेडिकल एवं हास्पिटल की सुविधाओं को छोड़ सभी प्रकार की सुविधाएं पूर्णत बंद रहीं। 

बालाघाट बंद को सफल बनाने के लिए बंद के एक दिन पूर्व ही संघर्ष समिति, दलित-मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों ने रैली निकालकर सहयोग मांगा था। जो बंद के दौरान नजर आया और व्यवसायियो के अलावा छोटी, छोटी दुकान के दुकानदारों ने भी बंद में अपना पूर्ण सहयोग दिया। जिसके कारण सुबह चाय, पानठेले तक बंद रहे। भीमा कोरेगांव की घटना के विरोध में आज 7 जनवरी को किये गये बंद में मल्ला मेश्राम, राजेन्द्र बाबू ढोक, एच.डी. भीमटे, रहीम खान, आमोद बोरकर, जुनैद खान, हाजी शोएब खान, धर्मेन्द्र कुरील, दयाल वासनिक, यमलेश वंजारी आदि मौजूद थे।

यहां उपस्थित वक्ताओं ने भीमा कोरेगांव विजय शौर्य दिवस के मौके पर हुए हमले को सुनियोजित हमला बताते हुए कहा कि इस हमले से कई आंबेडकरवादी घायल हुए और एक युवक की मौत हो गई। लेकिन सुनियोजित हमले के मास्टरमाइंड संभाजी उर्फ मनोहर भिड़े और मिलिंद एकबोटे की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जिसके आक्रोश स्वरूप यह बंद बुलाया गया है। वक्ताओं ने कहा कि जो लोग मनुवादी नीतियों और ब्राम्हणवादी विचारधारा को लेकर दलित समूह को दबाने का प्रयास कर रहे है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जब भी दलित को प्रताड़ित या परेशान किया जाएगा, उसका पूरा समाज विरोध दर्ज करेगा।

Created On :   7 Jan 2018 11:06 PM IST

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