बालाघाट पुलिस ने किया 20 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा, 300 से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट जब्त, 8 गिरफ्तार

Balaghat police exposed money laundering of 20 crores, seized more than 300 mobiles, 8 arrested
बालाघाट पुलिस ने किया 20 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा, 300 से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट जब्त, 8 गिरफ्तार
बालाघाट पुलिस ने किया 20 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा, 300 से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट जब्त, 8 गिरफ्तार

मोबाइल फ्रॉड के बड़े अंतरराज्यीय नेटवर्क का फूटा भांडा, मप्र सहित झारखंड, आंध्रप्रदेश से हुई गिरफ्तारियां, 18 राज्यों में फैला है कनेक्शन
डिजिटल डेस्क बालाघाट ।
फर्जी कॉल करके बैंक खाते से पैसे गायब करने और नामी ऑनलाइन कमर्शियल कंपनियों से बड़ी ही चालाकी से मोबाइल मंगाकर करोड़ों रुपए की धांधली करने वाले गिरोह का बालाघाट पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मोबाइल फ्रॉड के बड़े अंतरराज्यीय नेटवर्क का भांडा फोड़ते हुए करीब 20 करोड़ का फ्रॉड पकड़ा है।  इस साइबर अपराध में पुलिस ने अब तक 300 से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट, 10 लाख नगद जब्त कर 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो आरोपी बालाघाट के हैं। बड़े स्तर पर चल रहे मनी लॉन्ड्रिग के तार एक-दो नहीं बल्कि 18 से अधिक राज्यों से जुड़े हैं। अब तक इस नेटवर्क के 8 मुख्य संचालकों को बालाघाट, झारखंड के रांची, सरायकेला, देवगढ़ और आंध्रप्रदेश के चित्तूर से गिरफ्तार किया है।  मंगलवार को हुई पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक, बालाघाट अभिषेक तिवारी ने बताया कि इस मेगा नेटवर्क में 700 से अधिक संदेही हैं, जो देश की विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के दायरे में हैं। इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए आयकर विभाग और ईडी से संपर्क किया जा रहा है। 
कई चरणों में चल रहा था नेटवर्क
एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि इस नेटवर्क में 700 से अधिक ऑपरेटर थे, जो पढ़े-लिखे और टेक्नोलॉजी के जानकार हैं। ये सभी ओटीपी धोखाधड़ी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, ई-कॉमर्स धोखाधड़ी, फर्जी आईडी, फर्जी मोबाइल नंबर, फर्जी पते, कालाबाजारी, टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और आदतन चोरी के माल के लेनदेन में शामिल विभिन्न चरणों को चला रहे थे।
ऐसे करते थे शातिराना फर्जीवाड़ा    
साइबर अपराधियों का ये गिरोह बड़ी ही चालाकी से काम को अंजाम दे रहा था। फ्लिप कार्ट जैसी कमर्शियल कंपनी से फर्जी पते पर मोबाइल मंगाकर ग्राहकों को फर्जी बिल पर बेचते थे। सबसे पहले यह गिरोह फर्जी पते दर्ज कराकर मोबाइल बुक करते थे। इसके बाद किसी व्यक्ति को फोन करके उसे बैंक अकाउंट बंद होने का डर दिखाकर ओटीपी साझा करने का दबाव डालते थे। अपराधियों की बातों में आकर लोग अपना ओटीपी शेयर करते थे। उसी ओटीपी के जरिए ये चालबाज अपराधी ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए महंगे मोबाइल खरीदकर पीडि़त के बैंक खाते से पैसे गायब कर देते थे। जब पीडि़त के मोबाइल पर ऑनलाइन खरीदी का मैसेज आता था, तब उसे इस फर्जीवाड़े का पता चलता था।
बालाघाट के दो अपराधियों ने खोली परतें 
दो दिन पूर्व मोबाइल की फर्जी खरीद-फरोख्त और धोखाधड़ी के मामले में बालाघाट कोतवाली पुलिस ने दो आरोपियों भटेरा निवासी मनोज राणा और किरनापुर निवासी हुकुम बिसेन को गिरफ्तार किया था। जांच में दोनों के पास से 7 लाख रुपए के करीब 74 मोबाइल हैंडसेट बरामद हुए। जब पुलिस ने उनसे कड़ाई से पूछताछ की तो नेटवर्क का लिंक झारखंड में मिला। पूछताछ में पता चला कि गिरोह में छह सदस्य और हैं, जिसमें 4 झारखंड के और 2 आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं। बालाघाट पुलिस ने बताया कि पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड देवघर (झारखंड) निवासी संतोष महतो है। इसके बाद मप्र पुलिस ने आरोपितों की धरपकड़ के लिए झारखंड पुलिस से संपर्क किया। 
मप्र पुलिस ने झारखंड के तीन शहरों में मारे छापे
मामले की कड़ी मिलते ही बालाघाट के कोतवाली थाने की पुलिस ने झारखंड के रांची, जमशेदपुर और देवघर में छापामार कार्रवाई की। गिरोह का सरगना देवघर से मिला। वहीं, सुशांत अग्रवाल और प्रभात कुमार को अरगोड़ा थाना, रांची से, विकास उर्फ नितिन कुमार को सरायकेला से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में अब तक छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। वहीं, आंध्रप्रदेश के चित्तूर निवासी हिर और श्रवण कुमार को बालाघाट पुलिस ने आंध्रप्रदेश जाकर गिरफ्तार किया है। 
आरोपियों से बरादम सामग्री 
पुलिस ने आरोपियों के पास से 300 से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट, 10 लाख रुपए नगद, 30 से ज्यादा फ्रीज बैंक खाते, 75 से अधिक क्रेडिट कार्ड, हार्ड डिस्क, लैपटॉप, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं।
ये हैं शातिर अपराधी
- संजय मेहतो (देवघर, झारखंड)
- हुकुम सिंह बिसेन (बालाघाट, मप्र)
- मनोज राणा (बालाघाट, मप्र)
- सुशांत अग्रवाल (रांची, झारखंड)
- प्रभात कुमार (रांची, झारखंड)
- विकास उर्फ नितिन कुमार (सरायकेला, झारखंड)
- हरि (चित्तूर, आंध्रप्रदेश) 
- श्रवण कुमार (चित्तूर, आंध्रप्रदेश)
इनका कहना है
झारखंड, आंध्रप्रदेश पुलिस के साथ 18 राज्यों के साइबर सेल के सहयोग से मेजर नेटवर्क ब्रेक करने में सफलता मिली है। इसमें अलग-अलग फ्रॉड में 700 से ज्यादा संदेही हैं। इन्होंने चार-पांच महीनों में करीब 20 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है। ई-कॉमर्स से मंगाया गए सामान की कालाबाजारी की गई है। कुछ मामलों में ऑनलाइन क्रडिट कार्ड से पैसे निकाले गए हैं। आगे की जांच के लिए टीम गठित की गई है। 
अभिषेक तिवारी, पुलिस अधीक्षक, बालाघाट पुलिस

Created On :   15 Jun 2021 1:39 PM GMT

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