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बालाजी ट्रांसपोर्ट समूह के सिंडिकेट पर भोपाल के अफसर भी मेहरबान

डिजिटल डेस्क जबलपुर । बालाजी ट्रांसपोर्ट समूह के सिंडिकेट पर न सिर्फ कटनी व सिवनी बल्कि भोपाल के भी अफसर मेहरबान हैं। मेहरबानी का आलम यह कि भोपाल के अफसरों ने शॉर्ट फॉल के नाम पर कटनी जिले के बहोरीबंद का 500 मीट्रिक टन गेहूं 45 किलोमीटर दूर सिहोरा (जबलपुर) भिजवाने का रास्ता बना दिया। जबकि बहोरीबंद में सतना तथा रीवा का करीब 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं भंडारित किया जा रहा है। उनके इस कदम से अकेले बालाजी समूह ही नहीं बल्कि रीवा व सतना के ट्रांसपोर्टर भी उपकृत हुए हैं।
जो हो रहा राजधानी से हो रहा - जारी विपणन वर्ष 2021-22 में भी जो हो रहा वह प्रदेश की राजधानी भोपाल से ही हो रहा है। इसकी पुष्टि मार्कफेड (राज्य विपणन संघ) कटनी की डीएमओ श्रीमती शिखा वर्मा भी करती हैं। डीएमओ के अनुसार शॉर्ट-फॉल (जगह की कमी) की समस्या को लेकर भोपाल से जो आदेश प्राप्त हुए थे, उसी का पालन किया गया है। मार्कफेड के सूत्रों के अनुसार असल खेल भोपाल से ही चलता है। यदि स्थानीय स्तर से आपत्ति दर्ज कराई भी जाती है तो अनसुना कर दिया जाता है, जैसा कि ब्लैक लिस्टेड की प्रक्रिया के दौर में चल रहे मेसर्स राहुल सलूजा के मामले में हुआ। स्थानीय अफसरों ने आपत्ति की तो राजनीतिक दबाव आ गया, भोपाल से भी आपत्ति प्रस्ताव को संरक्षण नहीं मिला। मेसर्स राहुल सलूजा के साथ बालाजी समूह की सहयोगी तिरुपति कार्गो को ब्लैक लिस्टेड किए जाने और पेनाल्टी का प्रस्ताव अभी तक भोपाल में लंबित है।
शॉर्ट फॉल के नाम पर सिवनी से 5 लाख क्विंटल गेहूं जबलपुर, नरसिंहपुर व बालाघाट भिजवा दिया
खाद्यान्न की खरीदी तथा आपूर्ति से जुड़ी सरकारी एजेंसियों के लिए शॉर्ट फॉल यानि जगह की कमी वह रास्ता है जिसके जरिए वे ट्रांसपोर्टर्स को उपकृत करती हैं। सिवनी में तो शॉर्ट फॉल के नाम पर मार्कफेड ने करीब 5 लाख क्विंटल गेहूं जबलपुर, नरसिंहपुर, बालाघाट तथा रायसेन भिजवा दिया। जबकि जिले में 9 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा भंडारण क्षमता है और इस बार करीब साढ़े 3 लाख मीट्रिक टन गेहूं की ही खरीदी हुई है। और लंबी दूरी के इस ट्रांसपोर्टेशन में उपकृत होने वाला मुख्य ट्रांसपोर्टर बालाजी ही रहा। बालाजी के अतिरिक्त यूनाइटेड फाइट कैरियर और सीताराम ट्रांसपोर्ट ने भी बहती गंगा में हाथ धोए।
बालाघाट में नान ने कम दूरी के बजाय लंबी दूरी से उठवा दिया चावल
बालाघाट में नान में करीब 4 साल से राज कर रहे कटंगी क्षेत्र के ट्रांसपोर्टर मेसर्स यशवंतराव टेमरे को उपकृत करने नान ( नागरिक आपूर्ति निगम) के अफसरों ने कम दूरी के बालाघाट के बजाय लंबी दूरी के कटंगी से बैहर चावल भिजवाया। ट्रांसपोर्टर पर अफसरों की मेहरबानी इस कदर रही कि कस्टम मिलिंग तक का चावल समीपी गोदाम के बजाय अक्सर ही लंबी दूरी वाले खास तौर पर कटंगी के गोदामोंं मेें कराया गया। जिले के मिलर्स उद्योगपति भी इसकी पुष्टि करते हुए कहते हैं कि, मिलर्स को 50 किमी से कम दूरी तक ही परिवहन की पात्रता है वह भी करीब 2 रूपए प्रति किमी-प्रति क्विंटल की दर पर। लेकिन 50 या उससे अधिक की दूरी का परिवहन नान के ठेकेदारों से करीब साढ़े चार रुपए की दर पर कराया जाता है। ताजा मामले में भी यही हुआ जबकि बैहर क्षेत्र में बंटने वाले पीडीएस के चावल की आपूर्ति निकटवर्ती बालाघाट के बजाय कटंगी के गोदामों से करवाई गई। सवाल उठे तो ब नान के जिला प्रबंधक अमित गौड़ ने तर्क दिया कि च्कस्टम मिङ्क्षलग का काम धीमी गति से होने से चावल की आपूर्ति सुचारू तरीके से नही हो पा रही थी। कटंगी में 2019-20 का चावल पड़ा हुआ था, इसलिए विभागीय ठेकेदार से मजबूरी में उसका बैहर परिवहन कराना पड़ा।
Created On :   12 Jun 2021 5:45 PM IST