Jabalpur News: नदी-नालों में लगातार बढ़ रहा पानी, शहर तर-बतर जनजीवन प्रभावित

नदी-नालों में लगातार बढ़ रहा पानी, शहर तर-बतर जनजीवन प्रभावित
  • मेघों की राग..पिछले 30 में से 27 दिन बरसे बादल
  • बारिश का आधा औसत हुआ पूरा
  • बरगी बांध में जल भराव वाले स्टेशनों से पानी आने की रफ्तार एक बार फिर से बढ़ गई है।

Jabalpur News: शहर में जब से मानसून सक्रिय हुआ है, तब से बारिश का सिलसिला थमा नहीं है। हल्की और तेज बारिश के साथ अब तक 624.9 मिलीमीटर यानी लगभग 25 इंच बरसात दर्ज हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून 18 जून से सक्रिय हुआ है। इस हिसाब से 30 में से 27 दिन रोजाना सुबह या शाम बारिश दर्ज हुई है। इन दिनों में केवल तीन दिन ही पूरी तरह से सूरज के दर्शन हुए। लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। शहर तर-बतर है और जनजीवन प्रभावित है।

मौसम विशेषज्ञ देवेन्द्र तिवारी का कहना है कि मानसून सीजन एक जून से 30 सितंबर तक 122 दिनों का होता है, जिसमें जबलपुर में औसत 48 इंच बरसात होती है। औसत के हिसाब से देखा जाए तो अब तक बारिश का आधा औसत पूरा हो चुका है। इस बार जो मानसूनी बादल मेहरबान हैं, इसमें पूरी संभावना है कि यह आंकड़ा 60 इंच के करीब तक जा सकता है।

फिलहाल शहर में उत्तर प्रदेश के ऊपर जो कम दबाव बना है, उससे बरसात हो रही है। प्रदेश के उत्तरी हिस्से के साथ इसका थोड़ा असर आसपास के जिलों में देखने मिल रहा है। शहर अब भी बारिश के ऑरेंज अलर्ट पर है।

रिमझिम में तापमान थोड़ा नीचे आया

गुरुवार को शहर में दिन की शुरुआत बारिश से हुई। इसके बाद दोपहर में हल्का मौसम खुला और शाम को फिर गरज के साथ बादल बरसे और रात तक रिमझिम का दौर जारी रहा। शहर में इस दौरान अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री दर्ज किया गया, यह सामान्य से 2 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 23.3 डिग्री दर्ज किया गया, यह सामान्य से एक डिग्री कम रहा। शहर के आसपास अभी दक्षिण पश्चिमी हवाएं सक्रिय हैं। अगले 24 घंटे में गरज-चमक के साथ संभाग के अधिकांश स्थानों पर बरसात की संभावना है।

जुलाई अंत के शेड्यूल में पहुंचा बांध

इधर बरगी बांध में जल भराव वाले स्टेशनों से पानी आने की रफ्तार एक बार फिर से बढ़ गई है। बांध में 1997 घन मीटर प्रति सेकेण्ड की गति से पानी आ रहा है। बांध का गुरुवार की शाम जल स्तर 417.50 मीटर की सीमा तक पहुंच गया। बांध में मानसून के निर्धारित शेड्यूल के अनुसार जुलाई के अंत में इतना पानी होना चाहिए। जल की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए बांध के 5 गेट अब भी खुले हुए हैं, जिनसे नर्मदा में पानी छोड़ा जा रहा है।

Created On :   18 July 2025 6:42 PM IST

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