Jabalpur News: आरटीओ के हाल..दूर-दूर से आने वाले लोग हो रहे परेशान, जिम्मेदार बेखबर

आरटीओ के हाल..दूर-दूर से आने वाले लोग हो रहे परेशान, जिम्मेदार बेखबर
  • लाइसेंस बनाना कठिन, कभी सर्वर डाउन तो कभी सीट पर ही नहीं मिलते हैं बाबू
  • आरटीओ कार्यालय के खुलने का समय प्रात: 10 से शाम 5 बजे तक निर्धारित है।
  • बाहर रखी कुर्सियों में लोग बैठकर खिड़कियां खुलने का इंतजार करते हैं

Jabalpur News: क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में इन दिनों वाहनों के लाइसेंस बनवाना और उनका नवीनीकरण करवाना आम लोगों के लिए खासा टेढ़ा काम बना हुआ है। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार यहां कार्यरत बाबू कई-कई घंटों तक गायब रहते हैं। अगर वे मिलते भी हैं तो सर्वर डाउन होने की बात कहकर लोगों को बाद में आने की समझाइश देकर लौटा देते हैं। ऐसा ही कुछ गुरुवार को भी हुआ जब यहां पहुंचे लोग घंटों तक भटकते रहे और उनके जरूरी कार्य नहीं हो सके।

जानकारों का कहना है कि आरटीओ कार्यालय के खुलने का समय प्रात: 10 से शाम 5 बजे तक निर्धारित है। इस दौरान सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नियत समय पर आकर अपने कार्य पूरे करने चाहिए, लेकिन इसके विपरीत अधिकांश कर्मचारी समय पर कभी आते ही नहीं हैं। इसी के चलते बाहर रखी कुर्सियों में लोग बैठकर खिड़कियां खुलने का इंतजार करते हैं। जब कर्मचारी यहां पहुंचते हैं तो बड़ी उम्मीदों के साथ लोग उक्त कर्मचारियों के पास अपनी समस्या बताने जाते हैं।

लाइसेंस नवीनीकरण शाखा से गायब रहा कर्मचारी

आरटीओ ऑफिस में स्थित लाइसेंस नवीनीकरण, डुप्लीकेट, परिचालक एवं इंटरनेशनल लाइसेंस बनाने वाली शाखा में पदस्थ बाबू कई घंटों तक गायब रहा। इस दौरान यहां आने वाले लोगों का आरोप था कि उक्त बाबू हमेशा अपनी सीट से गायब ही रहता है। यहां मौजूद अन्य कर्मचारियों से जब इसका कारण पूछा गया तो उनका कहना था कि न्यायालयीय कार्यवश बाबू गए हुए हैं और उनका कहना था कि बाबू की जगह आम लोगों के जरूरी कार्य वे ही निपटा देते हैं।

उनका कहना था कि बाबू के हमेशा नदारद रहने और अन्य कर्मचारियों द्वारा खाली हाथ वापस भेजने का सिलसिला कई दिनों से बना हुआ है। इस संबंध में आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी से जब बात करने का प्रयास किया तो उपचार के सिलसिले में उनके अस्पताल में होने के कारण चर्चा नहीं हो सकी।

Created On :   18 July 2025 6:28 PM IST

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