बिल के लिए शव को बनाया बंधक - मार्बल सिटी अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप

Body mortgaged for bill - Corona patient dies in Marble City Hospital, accused of negligence in treatment
बिल के लिए शव को बनाया बंधक - मार्बल सिटी अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप
बिल के लिए शव को बनाया बंधक - मार्बल सिटी अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप

डिजिटल डेस्क जबलपुर । निजी अस्पतालों में बिल के लिए मरीज के शव को बंधक बनाने की कड़ी में बुधवार को एक मामला और जुड़ गया। भँवरताल स्थित मार्बल सिटी अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज की मौत के बाद अस्पताल ने शव देने से मना कर दिया और पहले बिल चुकाने की डिमांड की। परिजनों का आरोप था कि पहले तो 14 दिन भर्ती रहने के बाद भी मरीज के इलाज में लापरवाही बरती गई, जिससे मरीज की जान चली गई। कटनी निवासी अजीत दुबे ने बताया कि उनके पिता को उन्होंने 7 अप्रैल को मार्बल सिटी हॉस्पिटल में एडमिट किया था। 14 दिनों तक एडमिट रहने के दौरान न तो उन्हें वक्त पर खाना दिया गया, न ही ठीक से इलाज किया गया। मंगलवार को डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की स्थिति ठीक है और अगले दिन 1 लाख 70 हजार का बिल देकर यह बोल दिया गया कि मरीज की मौत हो गई है। जब अस्पताल से शव की माँग की गई तो पहले बकाया बिल जमा करने दबाव बनाया गया।  मृतक के बेटों का आरोप है कि अस्पताल द्वारा ठीक से उपचार न किए जाने की शिकायत पिता के करने पर, जब डॉक्टर्स से इस बारे में बात की तो उन्होंने  कहा कि कोविड के कारण मरीज को भूलने की बीमारी हो गई है, इसलिए उन्हें कुछ याद नहीं है। 
अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. संजय नागराज का कहना है कि पेशेंट को ऑक्सीजन लगी हुई थी, जब उन्हें एडमिट किया गया। परिजनों को पहले ही बता दिया गया था कि मरीज की स्थिति गंभीर है, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। डॉक्टरों ने यह भी बताया था कि इंप्रूवमेंट नहीं है। परिजनों के आरोप निराधार हैं। अगर इलाज से संतुष्ट नहीं थे तो 14 दिनों तक क्यों इंतजार किया, पहले ही कहीं और एडमिट कर सकते थे। हॉस्पिटल और दवाइयों का बकाया बिल नहीं लिया गया और परिजनों को शव सौंप दिया गया। 
 

Created On :   22 April 2021 8:41 AM GMT

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