वकीलों के लिए आरक्षित पद सर्विस कैटेगिरी से भरने को चुनौती

Challenge to fill the post reserved for lawyers from service category
वकीलों के लिए आरक्षित पद सर्विस कैटेगिरी से भरने को चुनौती
वकीलों के लिए आरक्षित पद सर्विस कैटेगिरी से भरने को चुनौती

वरिष्ठ अधिवक्ता की याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
वकीलों के लिए आरक्षित पद को इन सर्विस उम्मीदवारों से भरे जाने के नियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने बुधवार को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को निर्धारित की है।
वरिष्ठ अधिवक्ता मृगेन्द्र सिंह की ओर से दायर इस याचिका में  मप्र उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा शर्त) नियम 2017 के नियम 5 (1) (सी) की
संवैधानिकता को चुनौती दी गयी है। याचिका में कहा गया है कि हायर ज्यूडिशियल सर्विस के पदों में वकीलों के लिए 25 प्रतिशत पद आरक्षित रहते हैं। वर्ष 2017 में बनाए गए नियम में व्यवस्था दी गई है कि वकीलों के लिए तय पद यदि खाली रहते हैं तो उन्हें सेवारत उम्मीदवारों से भरा जा सकेगा।
इस प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट द्वारा धीरज मोर्य विरुद्ध दिल्ली मामले में दिये गये निर्णय और संविधान में दिए गए अधिकारों के विरुद्ध बताया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि जिस तरह इन-सर्विस वर्ग के उम्मीदवारों के लिए निर्धारित सीट पर वकीलों की नियुक्ति नहीं की जा सकती, वैसे ही वकीलों के पद पर सेवारत उम्मीदवारों की नियुक्ति करना असंवैधानिक है। मामले पर बुधवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वरिष्ठ
अधिवक्ता श्री सिंह ने अपना पक्ष स्वयं रखा। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए।

Created On :   19 March 2020 1:19 PM IST

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