सेवानिवृत्ति के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड दिए जाने को चुनौती

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सेवानिवृत्ति के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड दिए जाने को चुनौती

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट में मप्र ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक को सेवानिवृत्ति के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड दिए जाने को चुनौती दी गई है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने मप्र ग्रामीण बैंक के चेयरमैन और जीएम को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब-तलब किया है। 

60 वर्ष की आयु पूरी कर हुए थे सेवानिवृत्त

शहडोल निवासी भूप नारायण शर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि 30 जून 2014 को 60 वर्ष की आयु पूरी कर मप्र ग्रामीण बैंक डिंडोरी के शाखा प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के एक माह बाद बैंक प्रबंधन ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड दिया। इसके बाद उनकी पेंशन, ग्रेज्युटी और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ रोक लिए गए। अधिवक्ता नर्मदा प्रसाद चौधरी और अमित चौधरी ने तर्क दिया कि किसी भी अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद दंडित नहीं किया जा सकता है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर को हाईकोर्ट में हाजिर होने का आदेश

हाईकोर्ट ने जल संसाधान विभाग रीवा के चीफ इंजीनियर को 30 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि चीफ इंजीनियर हाजिर होकर बताएं कि दो बार अवसर दिए जाने के बाद भी वेतनमान कम करने के मामले में जवाब क्यों नहीं पेश किया जा रहा है। सीधी निवासी रूपेन्द्र नापित और सूर्यकुमार सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उनके पिता जल संसाधन विभाग में कार्यरत थे। सेवा के दौरान उनके पिता की मृत्यु होने पर उन्हें जल संसाधन विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति मिली। नियुक्ति के बाद उन्हें कुछ महीनों तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का वेतनमान दिया गया। जल संसाधन विभाग रीवा के चीफ इंजीनियर ने 10 अप्रैल 2019 को आदेश जारी किया कि उनका वेतनमान घटाकर कलेक्ट्रेट रेट पर वेतन दिया जाए। अधिवक्ता जितेन्द्र तिवारी ने तर्क दिया कि इस मामले में जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर को जवाब पेश करने के लिए दो बार अवसर प्रदान किया जा चुका है। इसके बाद भी जवाब पेश नहीं किया जा रहा है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने चीफ इंजीनियर को 30 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।
 

Created On :   27 July 2019 8:55 AM GMT

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