बहुमत के बिना की गई नियुक्तियों को चुनौती

Challenging appointments made without majority
बहुमत के बिना की गई नियुक्तियों को चुनौती
बहुमत के बिना की गई नियुक्तियों को चुनौती

नियुक्तियों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई 27 अप्रैल तक के लिये टली
डिजिटल डेस्क जबलपुर
। राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में बहुमत साबित किये बिना विभिन्न आयोगों में अध्यक्ष व सदस्य पदों पर की गई नियुक्तियों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। एक जनहित याचिका में आरोप है कि बिना बहुमत वाली सरकार द्वारा की गई ये नियुक्तियां असंवैधानिक व खारिज होने योग्य है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 27 अप्रैल को निर्धारत की है।
भोपाल निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के राज्यपाल ने 14 से 16 मार्च के बीच कांग्रेस सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के संबंध में लिखित तौर पर निर्देश जारी किये गये थे। प्रदेश सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित किये बिना ही अनावेदक शोभा ओझा को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष, गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी को मप्र राज्य अजजा आयोग का अध्यक्ष, आनंद अहिरवार को मप्र राज्य अजा आयोग का अध्यक्ष, जेपी धनोपिया को मप्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष और अभय तिवारी को मप्र युवा आयोग का अध्यन बना दिया गया। इन नियुक्तियों को कटघरे में रखते हुए यह याचिका दायर की गई। शुक्रवार को यह मामला युगलपीठ ने 27 अप्रैल तक के लिए मुलतवी कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित मिश्रा पैरवी कर रहे हैं।

Created On :   21 March 2020 1:52 PM IST

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