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नहीं मिलता रूचिकर भोजन, बच्चे कर रहे खाने से इंकार
डिजिटल डेस्क किरनापुर, बालाघाट । बालाघाट जिले की शासकीय स्कूलो मे मध्यान्ह भोजन योजना अपने लक्ष्य से भटक गई है। मध्यान्ह भोजन योजना मे स्वसहायता समूहों द्वारा जमकर धांधली बरती जा रही है तथा मीनू के आधार पर बच्चो को भोजन नही परोसा जाना कहा जा रहा है। इस संंबंध मे कई मर्तबा शासन प्रशासन एवं विभागीय उच्चाधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराए जाने के बाद भी अब तक कोई कारगर कदम नही उठाए जा रहे है। अभिभावको एवं छात्र-छात्राओ का तो यहां तक कहना है की उन्हें मध्यान्ह भोजन मे पतली दाल परोसी जा रही है। अरूचिकर भोजन परोसे जाने के कारण अधिकतर बच्चो ने मध्यान्ह भोजन करना बंद कर दिया है। मध्यान्ह भोजन योजना मे बरती जा रही लापरवाही के संंबंध मे शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नही होने के कारण बच्चो एवं अभिभावको को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खुद दबी जुबान बच्चो को कहना है होता है की उनके द्वारा व्यवस्था के अभाव मे तो अब भोजन करना भी बंद कर दिया गया है।
आलू की पतली सब्जी
जनपद शिक्षा केंन्द्र किरनापुर के अंर्तगत शा. प्रा. शा. ढुढवा में जब निरीक्षण किया गया वहां पर स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन में चावल के साथ आलू की पतली सब्जी परोसी जा रही थी, जबकि शानिवार को रोटी व सब्जी देने का प्रावधान था। इस स्कूल में विगत कई वर्षो से एसएमसी के माध्यम से स्कूल में मध्यान्ह भोजन का संचालन किया जा रहा है।
एक ही बार परोसा जाता है चांवल
यहां अध्यरनरत बच्चों ने बताया कि चावल के साथ दाल नहीं दी जाती और चावल एक बार ही परोसा जाता है दूसरी बार नहीं दिया जाता है। इस स्कूल में 28 बच्चे दर्ज है। जिसमें एसएमसी. द्वारा संचालित मध्यान्ह भोजन जिसमें शाला प्रधान पाठक अनिल कुमार तुरकर द्वारा संचालित किया जा रहा है एस. एम. सी. के द्वारा बच्चों को उचित माप-दण्ड के आधार पर मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जा रहा हैं। जिसमें बच्चों के अभिभावको ने स्कूल में उचित माप-दण्ड के आधार पर मध्यान्ह भोजन की मांग की।
आंगनवाड़ी केन्द्रो में भी अव्यवस्था
उधर दूसरी तरफ बालाघाट नगर मुख्यालय सहित उपनरगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण अंचलो मे संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रो में भी भारी अव्यवस्था देखने को मिल रही है। गत दिनों जब आंगनवाड़ी केन्द्रो का जायजा लिया गया तो उपनगरीय क्षेत्रो की आंगनवाड़ी केन्दों मे बच्चो की मौजूदगी ही देखने को नही मिली। लोगों को तो दबी जुबान यहां तक कहना है कि आंगनवाड़ी केन्द्रो का निरीक्षण नही होने के कारण यहां पर नियमों को ताक पर रखकर बच्चो को आहार का वितरण किया जाता है तथा आहार की अफरा-तफरी हो जाती है।
नहीं हो रहा योजनाओं का क्रियान्वयन
जिले मे मध्यान्ह भोजन योजना का क्रियान्वयन सही मायने में नही हो रहा है। विभागीय अधिकारियों के रवैये के कारण भी स्वसहायता समूह का संचालन करने में दिक्कतों का सामना करना कहा जा रहा है। शिकायतें करने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नही हो पाती है। ऐसी स्थिति में शासन की अधिकतर योजनाएं महज कागजों मे ही संचालित हो रही है।
इनका कहना है...
आबंटन कम मिलने के कारण बच्चों को मीनू के आधार पर भोजन नहीं दिया जा सकता है।
रामेश्वर हुकरे, प्रबंधन समिति अध्यक्ष
गेहूॅं न रहने के कारण बच्चों को चांवल दिया गया। मीनू के आधार पर भोजन नहीं दे सकते है आवंठन कम दिया जाता है।
अनिल कुमार तुरकर, प्रधान पाठक
शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा एवं समूह चलाने वालों को मध्यान्ह भोजन दिया जायेंगा।
सम्पत सिंह उइके,बीआरसी जनपद शिक्षा केन्द्र
Created On :   19 Feb 2018 1:55 PM IST