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फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम कर रहे कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स की सेवा निरंतर जारी रखी जाए
हाईकोर्ट का आदेश, मिशन डायरेक्टर को अभ्यावेदन देने का निर्देश
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने आदेशित किया है कि कोरोना काल में प्रदेश में फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में काम कर रहे कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स की सेवा को निरंतर जारी रखा जाए। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने निर्देश दिया है कि हेल्थ ऑफिसर्स अपने सर्टिफिकेट कोर्स के संबंध में नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। जिसका 6 सप्ताह के भीतर निराकरण किया जाएगा। इसके साथ ही एकल पीठ ने राज्य शासन और नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर को नोटिस जारी कर 21 जून तक जवाब-तलब किया है।
ये है मामला-यह याचिका मुरैना निवासी दिव्या भारती जोशी सहित 27 अन्य कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि उनकी नियुक्ति 18 दिसंबर 2019 को एनआरएचएम में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के पद पर हुई थी। सेवा शर्तों के अनुसार उन्हें सर्टिफिकेट इन कम्युनिटी हेल्थ का कोर्स करना था। कोर्स करने के लिए उन्हें 6-6 माह में दो अवसर दिए गए थे। याचिका में कहा गया कि कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में पदस्थ कर दिया गया। इसके कारण वे सर्टिफिकेट इन कम्युनिटी हेल्थ का कोर्स नहीं कर पाए। नेशनल रूरल हेल्थ मिशन ने 5 मई से उनकी सेवा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया।
चार अवसर दिए जाने का प्रावधान - अधिवक्ता शंशाक शेखर और समरेश कटारे ने तर्क दिया कि केन्द्र सरकार के नियमों के अनुसार कम्युनिटी हेल्थ वर्करों को सर्टिफिकेट इन कम्युनिटी हेल्थ का कोर्स करने के लिए दो वर्ष में चार अवसर दिए जाने का प्रावधान है। कोरोना काल में फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में काम रहे कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स की सेवा समाप्त करना उचित नहीं हैं। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स की सेवा को निरंतर जारी रखने का आदेश दिया है।
Created On :   15 May 2021 5:48 PM IST