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वायरस से ज्यादा खतरनाक कंपनी की कोरोना पॉलिसी - हेल्थ क्लेम के लिए प्रताडि़त किया जा रहा
क्लेम से मुकर रही इफको टोकियो - आधा दर्जन से अधिक पॉलिसी धारक पहुँचे जनसुनवाई में, लंबे समय बाद भी कोई राहत नहीं,
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना महामारी में जिस तरह स्टार हेल्थ इंशोरेंस कंपनी अपने पॉलिसी धारकों के क्लेम सेटल में आनाकानी कर रही है, ठीक उसी तरह इफको टोकिया हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी भी कोरोना आपदा में अपने करार से मुकरने पर आमादा है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले आधा दर्जन से अधिक पॉलिसी धारकों ने महामारी के समय कोरोना कवच व कोरोना रक्षक पॉलिसी इफको टोकियो से ली। इन पीडि़तों को जब मर्ज के दौरान हेल्थ क्लेम की जरूरत पड़ी तो कंपनी ने क्लेम पेमेंट से इनकार करते हुए कई तरह की बेफिजूल गैर जरूरी जानकारी माँगनी आरंभ कर दी। कहीं प्रमाणित कोरोना टेस्ट को मानने से इनकार किया गया तो कहीं और अन्य वजह बताकर क्लेम देने से मना कर रही है। पीडि़त उपभोक्ताओं ने अपनी जानकारी जनसुनवाई के माध्यम से कलेक्टर जबलपुर को दी, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा और दर्द को बयाँ किया है। उपभोक्ताओं की शिकायत के संबंध में कंपनी के क्षेत्रीय अधिकारी से अंकित पांडे ने कहा कि इस संबंध में वे कुछ नहीं कह सकते हैं। उन्हें इसका अधिकार नहीं है।
रैपिड टेस्ट को मानने तैयार नहीं
उपभोक्ताओं ने कहा जिन मरीजों की रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई, उसके बाद पीडि़त अस्पताल में भर्ती हो गया तो आरटीपीसीआर रिपोर्ट माँगनी शुरू कर दी गई। जिन उपभोक्ताओं ने आरटीपीसीआर रिपोर्ट दी तो कहा गया कि आईसीएमआर की रिपोर्ट होनी चाहिए। पीडि़तों का कहना है कि कंपनी के पॉलिसी प्रपोजल फॉर्म, पॉलिसी की अन्य जानकारी में व मार्केटिंग मटेरियल में यह नहीं लिखा है कि क्लेम सेटलमेंट आरटीपीसीआर रिपोर्ट ही मान्य होगी, तो रैपिड एंटीजन टेस्ट को प्रमाण मानने से कैसे इनकार किया जा सकता है। बीमा कंपनी कई तरह से क्लेम को अस्वीकार कर रही है जो बहुत ही निराशाजनक है।
कंपनी की नीति 60 तक टेस्ट जरूरी नहीं
इफको टोकियो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी अपने वेबसाइड पर यह कहती है कि उसका स्वास्थ्य बीमा लेते वक्त किसी भी तरह से 60 साल तक मेडिकल टेस्ट की जरूरत नहीं हैं। इसी तरह कुछ अतिरिक्त पारदर्शिता का दावा किया जाता है, लेकिन जब कोरोना काल में क्लेम की जरूरत आन पड़ी तो पॉलिसी धारकों पर प्रश्नों की बौछारें लगाई जा रही हैं। जो दस्तावेज कंपनी के पास पहले से हैं उन्हें फिर से माँगा जा रहा है। कई तरह के ऐसे सवाल किए जा रहे हैं जो गैर जरूरी हैं। पॉलिसी धारकों ने कलेक्टर को शिकायत में आरोप लगाया कि कंपनी के नुमाइंदे भी मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे हैं जो वायरस से ज्यादा पीड़ा दे रहा है। एक तो मौके पर सेवा देने से इनकार किया जा रहा है, ऊपर से उलटे सवाल दागे जा रहे हैं।
इनका क्लेम सेटल नहीं हो सका
कृष्ण कुमार खंपरिया विजय नगर, नरेन्द्र कुमार चेतवानी विजय नगर, रोहन चतुर्वेदी यादव कॉलोनी, दीपक बरमैया विवेकानंद वार्ड, प्रकाश गोंटिया काँचघर, सौरभ यादव विजय नगर, आकाश रजक मदर टेरसा नगर, रोहित रैकवार कमला नेहरू नगर आदि।
Created On :   2 Jun 2021 7:50 PM IST