खेत में पड़ा था सुअरमार बम, खाते ही उड़ गाय का जबड़ा, मौके पर पहुंची पुलिस 

Cow feed bomb blast police reached the spot
खेत में पड़ा था सुअरमार बम, खाते ही उड़ गाय का जबड़ा, मौके पर पहुंची पुलिस 
खेत में पड़ा था सुअरमार बम, खाते ही उड़ गाय का जबड़ा, मौके पर पहुंची पुलिस 

डिजिटल डेस्क,कटनी/बिलहरी । खेत में पड़ा हुआ देशी बम वहां चर रही गाय ने खा लिया और तभी धमाके के साथ उसके जबड़े के चिथड़े उड़ गए। घटना रीठी थाना क्षेत्र के ग्राम बिरुहली की है जहां खेत में सुअर मार बम गाय ने खा लिया। हालाकि गाय का उपचार कराया गया है और वह जीवित है। जानकारी अनुसार बिरुहली में एक गाय खेत में चर रही थी। वहीं देशी बम पड़ा हुआ था जिसे गाय ने संभवत: फल समझकर खा लिया और मुंह में जाते ही बम विस्फोट हो गया। बम फटने की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे जहां गाय के जबड़े के चिथड़े उड़ गए थे और वह लहुलुहान पड़ी हुई थी। वहीं घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और पशु चिकित्सक को बुलवाकर आनन-फानन में उसका उपचार कराया गया। खेत में बम किसने फेका यह पता नहीं चल सका है। थाना प्रभारी अजय राजोरिया का कहना था कि खेत में बम किसने फेका यह जांच का विषय है, यह भी संभावना है कि वहां बम काफी समय से पड़ा रहा हो। फिलहाल मामले की पतासाजी पुलिस द्वारा की जा रही है।

युवक से चाकू बरामद

अपराधिक मंसूबे से धारदार हथियार लेकर घूम रहे युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कोतवाली पुलिस ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान खिरहनी फाटक क्षेत्र निवासी साजन पिता स्व. प्रेमलाल चौधरी को संदिग्ध हालत में घूमते हुए पकड़ा। आरोपी की तलाशी के दौरान उसके पास से चाकू बरामद कर पुलिस ने आम्स् एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है।

गांव में बच्चें की हो रही खोजबीन

दस्तक अभियान में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पेश किया आंकड़ा अब उसी के लिए गले का फंास बना हुआ है। मंगलवार को समीक्षा बैठक में आंकड़ों को लेकर जिस तरह से कलेक्टर ने क्रास प्रश्न किया। उसके बाद बुधवार को स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप की स्थिति निर्मित रही। मंगलवार को समीक्षा बैठक के दौरान 1037 गांवों में 973 गांव कवर करते हुए 1 लाख 18 हजार 944 बच्चों के स्क्रीनिंग का तो दावा किया गया। लेकिन बैठक में यह भी बताया गया कि 967 गांवों में ही शून्य से पांच वर्ष के बच्चे मिले हैं। छह गांव ऐसे रहे, जहां पर बच्चे ही नहीं मिले। बुधवार को इन्हीं गांवों में बच्चों को खोजने में स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी पसीना बनाते रहे। कलेक्टर ने तीन दिन का समय दिया है।
 

Created On :   25 July 2019 8:50 AM GMT

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