संकट - कोरोना प्रभावित सराफा व्यापारी तीन दिन दुकान पर बैठे , पार्टी भी की -पॉजिटिव मरीज की माँ प्रोफेसर -साइंस कॉलेज में दहशत 

Crisis - Corona-affected bullion traders sit at the shop for three days, party too
संकट - कोरोना प्रभावित सराफा व्यापारी तीन दिन दुकान पर बैठे , पार्टी भी की -पॉजिटिव मरीज की माँ प्रोफेसर -साइंस कॉलेज में दहशत 
संकट - कोरोना प्रभावित सराफा व्यापारी तीन दिन दुकान पर बैठे , पार्टी भी की -पॉजिटिव मरीज की माँ प्रोफेसर -साइंस कॉलेज में दहशत 

संपर्क में आने वालों की तलाश करना बड़ी चुनौती- किसी को नहीं सूझ रहा कहाँ से करें शुरूआत
डिजिटल डेेस्क जबलपुर ।
सराफा व्यापारी की बेटी थाईलैंड तथा बेटा दुबई में जॉब करते हैं। जानकारी के अनुसार होली के पहले वे पत्नी के साथ थाईलैंड बेटी के पास गये थे तथा वहाँ से उसे लेकर दुबई पहुँचे। 16 मार्च को वे पत्नी और बेटी के साथ दिल्ली पहुँचे तथा वहाँ से फ्लाइट से जबलपुर आए। 17 से 19 मार्च तक वे लार्डगंज स्थित अपनी दुकान में भी बैठे तथा व्यापार किया। दो दिन पहलेे उनके द्वारा 20-25 लोगों की पार्टी किए जाने की भी खबर उनके करीबियों ने दी है। चारों को पॉजिटिव पाए जाने पर मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। उधर संपर्क में आने वाले 15 लोगों को भी विक्टोरिया में आईसोलेट किया गया है। 
जानकारी को नजर अंदाज करना पड़ा भारी7 जानकारी के अनुसार 17 मार्च को  जब वे दुकान पहँुचे तो मार्केट के दूसरे दुकानदारों में उनके दुबई से लौटने की कानाफूसी शुरू हुई।  उनमें से एक ने  इसकी जानकारी कोरोना के लिए बनाए गए जिला नोडल अधिकारी को दी। उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी का इस सूचना पर प्रतिउत्तर काफी उदासीनता वाला था, उनका कहना था कि मेरे पास 360 लोगों की लिस्ट है किसको-किसको देखूँ। दूसरे दिन भी उन्हें संबंधित सराफा व्यापारी की जाँच के लिए कहा गया लेकिन अब तीन दिन बाद वे सक्रिय हुए तब तक न जाने कितने संक्रमित हो चुके होंगे।।
यह बड़ा सवाल-
जबलपुर आने के बाद वे तथा उनकी पत्नी-बेटी न जाने कितने लोगों के संपर्क में आए होंगे। सराफा दुकान में ही वे अनगिनत लोगों के संपर्क में रहे हैं, इनमें उनका स्टाफ आदि भी शामिल है। अब यह बड़ा सवाल है कि प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग किस जादू की झड़ी को घुमाकर यह पता करेगा कि वे किन-किन लोगों से मिले थे। दुकान में आने वाला हर व्यक्ति खरीददार तो नहीं होगा, कई कुछ दूसरे कामों से भी पहुँचे होंगे उनका पता कैसे लगाया जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार इन दिनों के बिल देखकर वहाँ आने वालों की पहचान कर उनको निगरानी में लिया जाएगा। लेकिन इससे सभी का पता चलेगा ऐसा कतई नहीं है, न जाने कितने लोग शहर में इस बात से बेखबर होंगे कि वे कोरोना संक्रमित हो सकते हैं, या हो गए हैं। इससे उनके संपर्क में आने वालों का भी पता लगाना असंभव है, वे ऐसी चेन बना रहे हैं जिसका कोई अंत फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। 
दुबई से लौटी युवती को किया भर्ती
 शुक्रवार को चार पॉजिटिव केस आने के साथ ही दुबई से लौटी विजय नगर निवासी एक युवती को विक्टोरिया अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। शनिवार को उसका सैंपल जाँच के लिए भेजा जाएगा। थाईलैंड से लौटे संदिग्ध युवक की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे वहीं मेडिकल से छुट्टी दे दी गई है।
पॉजिटिव मरीज की माँ प्रोफेसर -साइंस कॉलेज में दहशत 
  कारोना पॉजिटिव पाए गए सिविल लाइन के जिस युवक को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है वह सिविल लाइन कलेक्टर बँगले के पीछे रहता है और चंद रोज पहले ही शहर लौटा है। युवक की माँ साइंस कॉलेज में प्रोफेसर हैं और वे गुरुवार तक कॉलेज गईं थीं। इस बीच जैसे ही युवक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर साइंस कॉलेज के शिक्षकों और कर्मचारियों को मिली वे दहशत में आ गए। शुक्रवार को शहर में एक साथ 4 कोरोना पीडि़तों की जानकारी िमलते ही भय और दहशत का माहौल बन गया। इस बीच जब एक पीडि़त के संबंध में जानकारी िमली कि वह सिविल लाइन का है तो पूरे सिविल लाइन में यह उत्सुकता जागी कि वह किस क्षेत्र का है। इस बीच साइंस कॉलेज के ही शिक्षकों ने इस बात का खुलासा कर िदया कि पीडि़त कलेक्टर बँगले के पीछे रहने वालीं प्रोफेसर का बेटा है। अब उनके सम्पर्क में आए लोग दहशत में हैं। इस बीच कॉलेज प्रबंधन पर यह आरोप भी लगाया गया कि परिसर के कसंपर्क में आने वालों की तलाश करना बड़ी चुनौती
 

Created On :   21 March 2020 2:22 PM IST

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