दस साल बाद भी अपने रूप में नहीं आ सकी दमोहनाका-चुंगीनाका रोड

Damohnaka-Chunginaka road could not come in its form even after ten years
दस साल बाद भी अपने रूप में नहीं आ सकी दमोहनाका-चुंगीनाका रोड
दस साल बाद भी अपने रूप में नहीं आ सकी दमोहनाका-चुंगीनाका रोड

फोरलेन का मजाक - एक दशक पहले दिखाया गया था ड्रीम रोड का सपना, प्लान में फुटपाथ हैं लेकिन कभी बने ही नहीं
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
जबलपुर से दमोह सड़क का जीरो प्वाइंट दमोहनाका चौराहे से है। इस सड़क को प्लान के अनुसार दमोहनाका से माढ़ोताल चुंगीनाका तक फोरलेन बनाया जाना था। इसमें बीच में व्यवस्थित डिवाइडर, किनारे के हिस्से में फुटपाथ, बीच में ही रैलिंग, पौधारोपण और एक मानक फोरलेन में जो वर्क होता है वह यहाँ िकया जाना था, पर अफसोस एक दशक बाद भी सड़क आज तक वैसी नहीं बनी जैसा इसका (एमपीआरडीसी) मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने प्लान में सपना दिखाया था। हाल ही में इसकी मरम्मत शुरू की गई, इसका करीब आधा काम भी कम्प्लीट हो गया लेकिन सड़क के गड्ढे भरने से ज्यादा और ध्यान दिया ही नहीं जा रहा है। सड़क बस जैसे-तैसे चलने लायक बने इस पर नजर है। टोल वसूली वाली सड़क जैसी होनी चाहिए उस ओर किसी जिम्मेदार का  ध्यान ही नहीं है। 
क्षतिग्रस्त और बदहाल हो गए रोड डिवाइडर, पौधे हैं ही नहीं
टोल के बदले मिला छल 
 सड़क के डिवाइडर जहाँ भी बनाये गये वे जिस साल बनाये गये उसी साल टूटकर बिखर गए। टूटे डिवाइडर में लोग भ्रमित होकर गिर रहे हैं। हादसे इनकी वजह से बढ़े हैं।  किनारे के हिस्से में कहीं नाली बनाई गई तो कहीं आज तक नहीं बनी। इसी तरह फुटपाथ बनना थे उस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। रैलिंग मार्ग में कहीं नहीं और कुछ हरियाली की जाए जिससे रात के वक्त वाहनों की हाई बीम लाइट नुकसान न पहुँचाए ऐसे प्रबंध भी नहीं हैं। चुंगीनाका के पास अब भी इस मार्ग में कई जगह डामर उधड़ गया और गड्ढे हैं। कुल मिलाकर फोरलेन के नाम पर शहरी हिस्से में इसको तमाशा बना दिया गया है। जनता अब भी इसमें निकलने पर टोल अदा करती है पर इसके बदले इसमें उन्हें केवल गड्ढे और परेशान कर देने वाला रास्ता ही मिलता है। 
फिर 19  करोड़ रुपए से मरम्मत 
 सड़क की जबलपुर से लेकर दमोह तक 19 करोड़ रुपए से मरम्मत की जा रही है। इस कार्य में जहाँ पर ज्यादा गड्ढे हैं उस हिस्से में सड़क की  बिटुमन कांक्रीटिंग की जा रही है। मार्च से यह कार्य आरंभ िकया गया और छह माह में इसको पूरा करने का टारगेट रखा गया है। एमपीआरडीसी के अधिकारियों का कहना है िक इसको जल्द पूरा कर लिया जाएगा।  सड़क में अब कहीं भी गड्ढे नहीं होंगे विभाग के अधिकारी यह दावा कर रहे हैं। 
इनका कहना है
इस मार्ग की हम मरम्मत करा रहे हैं। शहरी हिस्से में फोरलेन जैसी बनाया जाना था उसी अनुसार वर्क किया गया है। आगे हम जहाँ जरूरी है उस हिस्से में डिवाइडर और अन्य वर्क भी करा रहे हैं। जहाँ भी सुधार की जरूरत है विभाग करा रहा है। 
विनोद श्रीवास्तव, एजीएम एमपीआरडीसी 
 

Created On :   20 July 2021 8:33 AM GMT

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