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रास्ते में हुई प्रसूता की मौत, समय पर न जननी एक्सप्रेस आई न सही उपचार मिला
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। बालाघाट के बैहर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गढ़ी क्षेत्र के समरिया निवासी प्रसूता महिला की उपचार के अभाव से प्रसव बाद, District hospital लाने के दौरान मौत हो गई। hospital पहुंचने के बाद डॉक्टर्स ने महिला को मृत घोषित कर दिया। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि समय पर जननी वाहन नहीं पहुंचने के कारण, उपचार के अभाव मे प्रसूता की मौत हुई है यदि समय रहते वाहन उपलब्ध हो जाता तो प्रसूता को बचाया जा सकता था।
जुड़वा थे बच्चे
महिला सुषमा ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया था जिसमे एक बच्ची की प्रसव के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरा बच्चा स्वस्थ्य है। दूसरे बच्चे को जन्म देने के बाद उपचार नहीं मिलने से महिला ने दम तोड़ दिया।महिला की गंभीर हालत को देखते हुए जैसे-तैसे निजी वाहन से District hospital लाया जा रहा था।
बैहर से कर दिया था रेफर
महिला उपस्वास्थ केन्द्र पहुंची ही थी कि पहले बच्चे की मौत हो गई। बाद में महिला को प्रसव के दौरान और पीड़ा होने के कारण, उसे बैहर रेफर किया गया। जहां पर पता चला की महिला के पेट में और एक बच्चा है लेकिन बैहर उपस्वास्थ केन्द्र में भी समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण, परिजन जब तक उसे District hospital लाते, तब तक उसने एक और शिशु को जन्म दे दिया, बाद में महिला की हालत बिगड़ गई।
राात्रि में ही शुरू हुई थी प्रसव पीड़ा, नहीं मिली जननी सुविधा
मृतिका के पति अनंत धुर्वे ने बताया कि महिला को रात्रि में प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो परिजन एवं आशा कार्यकर्ता द्वारा जननी एक्सप्रेस एवं आवश्यक सेवा के अंतर्गत आने वाली 108 को फोन लगाया गया, लेकिन दोनो ही वाहन की सुविधा उन्हें प्राप्त नहीं हुई। जिसके बाद प्रसूता सुषमा को प्राइवेट वाहन से लेकर स्वास्थ केन्द्र तक पहुंचे। जहां पर महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया पर वह मृत हो गई, लेकिन प्रसव पीड़ा अधिक होने के कारण महिला को तकलीफ बढ़ गई थी। जिसके पेट में और एक बच्चा था जिसे उपचार तुरंत ही मिलना था वह उसे नहीं मिल पाया और उसे District hospital रेफर किया गया।
पुलिस ने किया मर्ग कायम
महिला की मौत के बाद हॉस्पिटल में पुलिस ने परिवारजनों की शिकायत पर मर्ग कायम कर, महिला का शव परीक्षण कराकर मामला दर्ज किया है। और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि महिला की मौत किस वजह से हुई है।
आदिवासी क्षेत्रों मे बे-पटरी स्वास्थ्य सेवा
बालाघाट जिले के आदिवासी क्षेत्रों मे स्वास्थ्य सेवा बे-पटरी हो गई है। यहां पर रोगियों को समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण असमय ही उनकी मौत हो रही है। लोगों का कहना है कि यदि समय पर उक्त महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे त्वरित उपचार मिल जाता तो उसे बचाया जा सकता था। लेकिन जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों को District hospital रेफर कर दिया जाता है ऐसी स्थिति मे मीलों का सफर करने मे देरी के कारण गंभीर रोगियों की मौत हो जाती है।
Created On :   12 Aug 2017 10:36 PM IST