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सिर पर दिवाली का त्योहार, फसल तैयार- किसान बेजार और मंदा व्यापार
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. इस वर्ष दीपावली धान उत्पादक गोंदिया जिले के लिए शुभ संकेत लेकर आती नजर नहीं आ रही है। जिले में 95 प्रतिशत किसान धान की फसल पर निर्भर है। प्रतिवर्ष दशहरे के बाद से हल्की प्रजाति के धान फसल की कटाई शुरू हो जाती है। साथ ही किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार धान खुले बाजार में अथवा निजी व्यापारियों के हाथों बेचते हैं, लेकिन इस बार जिले में 1 लाख 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लगाए जाने एवं फसल अच्छी होने के बावजूद बारिश लगातार होने के कारण फसल खेतों में कटाई के लिए तैयार है, लेकिन किसान कटाई शुरू करने से डर रहे हैं। अक्टूबर माह के प्रारंभ से ही धान फसल की कटाई शुरू हो जानी थी, लेकिन रोज ही हो रही कम अधिक बारिश के कारण हजारों किसानों की खेतों में काटकर रखी धान की फसल बर्बाद हो गई। तो कहीं खेतों में पानी जमा हो जाने के कारण कटाई में मुश्किल आ रही है। अब दिवाली में केवल 4 दिन बचे हैं। ऐसे में धान की फसल हाथ में न आने के कारण किसान चिंता में डूबे हुए हैं। जिसके चलते इस बार दिवाली तो फीकी ही रहेगी। यह निश्चित है। धान की फसल बाजार में न आने का सीधा असर व्यापार पर दिखाई पड़ रहा है। किसानों के हाथ दिवाली से पूर्व पैसा आने पर वे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाजार में खरीदी के लिए आते हैं।
दिवाली के एक सप्ताह पूर्व से ही बाजारों में इतनी भीड़ रहती है कि, वाहनों के रेलपेल के बीच चलना मुश्किल हो जाता है, लेकिन आज चित्र इससे बिल्कुल विपरीत है। त्योहार सिर पर है, लेकिन बाजारों से भीड़भाड़ और रौनक पूरी तरह गायब है। व्यापारियों को उम्मीद है कि शासकीय कर्मचारियों को सरकार द्वारा दिवाली से पूर्व अक्टूबर माह का वेतन देने की घोषणा किए जाने से पैसा हाथ में आने के कारण 21 अक्टूबर से बाजारों में रौनक और चहल पहल लौट आएगी। इस वर्ष मौसम बीतने के बावजूद अक्टूबर माह में ही कई बार धुआंधार बारिश हुई है। जिसके कारण अर्थव्यवस्था पर इसका विपरीत असर पड़ा है। दूसरी ओर लगातार बदरीला मौसम बना रहने के कारण खेत में खड़ी फसलों पर बीमारियों का प्रकोप भी हो सकता है। यदि दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो, दुबले पर दो आषाढ़ वाली कहावत चरितार्थ हो सकती है।
रंगोली एवं फूलों की बिक्री में उठाव की उम्मीद : फूलों का व्यवसाय करनेवाले हरीश आगरे ने बताया कि, गेंदे के फूल इस समय 40 रुपए पाव एवं गुलाब के फूल 100 रुपए पाव की दर से बिक रहे हैं, लेकिन अभी मांग कम है। अगले दो-तीन दिनों में मांग बढ़ने पर व्यापार में तेजी आने की उम्मीद है। वहीं दूसरी आेर प्रेमकुमार लिल्हारे नामक रंगोली विक्रेता ने बताया कि, हर रंग की रंगोली 10 रुपए पाव की दर से उपलब्ध है, लेकिन अभी ग्राहक अपेक्षित संख्या में नहीं पहुंच रहे हैं। दिवाली के एक दो दिन पूर्व ग्राहकी बढ़ने की उम्मीद उन्होंने जताई, लेकिन यह भी कहा कि, इसके लिए मौसम का साथ होना अावश्यक है।बॉक्स...
आकाशदीपों की बिक्री भी धीमी : आकर्षक आकाश दीपों की बिक्री करनेवाले धीरज मनुजा का कहना है कि, पिछले वर्ष 150 से 300 रुपए की दर से आकाश दीप बेचे गए। इस वर्ष इनकी दर 150 से 400 रुपए तक है। आकर्षक दीप 100 रुपए में 6 नग की दर से उपलब्ध हैं। पिछले वर्ष के जैसा माहौल अब तक रहने की बात उन्होंने कही, लेकिन आशा व्यक्त की है कि, अगले दो दिनों में इसकी बिक्री में उछाल आ सकता है।
चौबीस घंटे में केवल 0.2 मिमी वर्षा : जिलाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पिछले चौबीस घंटे में अर्थात 19 अक्टूबर को सुबह 10.30 बजे तक जिले में केवल 0.2 मिमी औसतन बारिश रिकार्ड की गई है। इस दौरान गोंदिया तहसील में 1.0 मिमी, मोरगांव अर्जुनी में 0.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा अन्य किसी भी तहसील में बारिश की नहीं हुई। जिसके कारण थोड़ी राहत की उम्मीद जगी है, लेकिन आसमान में दिनभर मेघ छाए रहने के कारण बारिश की संभावना रह-रहकर किसानों एवं नागरिकों को डरा रही है।
Created On :   20 Oct 2022 7:59 PM IST