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धापेवाड़ा उपसा सिंचाई प्रकल्प कार्यालय के सामने किसानों ने दिया धरना
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। प्रतिवर्षानुसार धापेवाड़ा उपसिंचाई चरण 1 का पानी ग्राम कवलेवाड़ा, पुजारीटोला, चिरेखनी, मरारटोला गांवों को रबी मौसम के लिए दिया जाए तथा रबी मौसम के लिए लागू की गई रोटेशन पद्धति बंद की जाए, इस मुख्य मांग को लेकर कवलेवाड़ा क सरपंच किरण पारधी के नेतृत्व में सोमवार को सैकड़ों किसानों ने धापेवाड़ा उपसा सिंचाई प्रकल्प कार्यालय में दस्तक दी। लेकिन कार्यकारी अभियंता अंकुर कापसे काम के सिलसिले में नागपुर गए थे। उनसे मोबाइल पर संपर्क करने पर वे नागपुर में होने की बात पता चली। शाम तक उनके नहीं आने पर किसानों ने धापेवाड़ा योजना के कार्यालय के सामने ही धरने पर बैठ गए। इस संबंध में जानकारी मिलते ही उपविभागीय अभियंता ने किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत 4 हजार 162 हेक्टेयर के लिए है। जिसमें रबी का नियोजन 2 हजार हेक्टेयर के लिए होकर रोटेशन पद्धति का उपयोग किया जाएगा। लेकिन ज्ञापन पर आगे की प्रक्रिया वरिष्ठ स्तर पर किए जाने की जानकारी उन्होंने दी। इस समय किसानों ने रबी मौसम के लिए धापेवाड़ा सिंचाई प्रकल्प का पानी नहीं देने पर तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार तिरोड़ा के धापेवाड़ा उपसा सिंचाई प्रकल्प योजना का पानी रबी मौसम के लिए रोटेशन पद्धति से देने का निश्चय जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने किया था। जिसके अनुसार रबी मौसम के इस वर्ष के रोटेशन में कवलेवाड़ा, पुजारीटोला, चिरेखनी, मरारटोला गांवों का समावेश नहीं है। उक्त गांवों के किसानों को रबी मौसम के लिए पानी नहीं मिलेगा। ऐसा संबंधित अधिकारियों ने बताया था। लेकिन दो वर्षों से कोरोना का कहर जारी है। ऐसे में अनेकों का रोजगार ठप है। आर्थिक परेशानी निर्माण हुई है। अगर किसान रबी माैसम में उत्पादन नहीं लेंगे तो और अधिक आर्थिक परेशानियां निर्माण होगी। जिससे सैकड़ों किसान पानी की मांग को लेकर सोमवार को धापेवाड़ा सिंचाई प्रकल्प योजना के कार्यालय में पहंुचे। लेकिन कार्यकारी अभियंता कापसे काम के सिलसिले में नागपुर गए थे। उनसे मोबाइल पर संपर्क करने पर वे नागपुर में होने की बात पता चली। शाम तक उनके नहीं आने पर किसानों ने धापेवाड़ा योजना के कार्यालय के सामने ही धरना देकर बैठे रहे। जिसके बाद उपविभागीय अभियंता को विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपते समय कवलेवाड़ा सरपंच किरण पारधी, भूमेश्वर पारधी, सोनू पारधी, घनश्याम पारधी, नितेश कटरे, सतीश बिसेन, शामराव बोदेले, जितेश बोदेले, दिलीप भैरम, चंद्रकुमार टेंभरे, लीलेश्वर रहांगडाले, उमन पारधी, के.एच. पारधी सहित परिसर के किसान बड़ी संख्या मंे मौजूद थे।
समस्या हल करने का करेंगे प्रयास
अंकुर कापसे, कार्यकारी अिभयंता, धापेवाड़ा उपसा सिंचाई प्रकल्प, तिरोड़ा के मुताबिक नहर निहाय प्रतिवर्ष रोटेशन पद्धति का उपयोग किया जाता है। जिससे इस वर्ष रोटेशन के अनुसार जो गांव आते हैं, वहां के किसानों को पानी का लाभ मिलेगा। लेकिन इस वर्ष के रोटेशन में जो गांव नहीं आते, उन्हें लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन किसानों की मांगों का विचार कर समस्या पर हल निकाला जाएगा।
Created On :   12 Jan 2022 6:58 PM IST