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हाथियों के कारण उजड़ी फसलों का किसानों को मिलेगा मुआवजा
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. 24 सितंबर को सुबह गड़चिरोली जिले के वड़सा वन परिक्षेत्र से 23 हाथियों के झुंड ने गोंदिया जिले की सीमा में गाढ़वी नदी मार्ग से प्रवेश कर अर्जुनी मोरगांव वन परिक्षेत्र के कक्ष क्र. 753 खोड़दा बीट में प्रवेश किया था। हाथियों का झुंड अपने भ्रमण के दौरान अनेक बार खेत परिसर से गुजरता है। जिसके कारण किसानों की खेत में लगी फसलों का भारी नुकसान होता है। इसलिए हाथियों से जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ है। वे तत्काल वन कर्मचारी अथवा कार्यालय से संपर्क कर अपने नुकसान के संबंध में आवेदन के माध्यम से जानकारी दें। जिससे वन विभाग की ओर से शासन के निर्णयानुसार उन्हें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी। यह जानकारी उपवन संरक्षक कुलराज सिंह ने दी है। हाथियों का उपरोक्त झुंड 25 सितंबर की रात अर्जुनी मोरगांव वन परिक्षेत्र से खोड़दा से बंध्या, महागांव, सिरोली नहर मार्ग से बुटाई नहर तक आया। 26 सितंबर को दोपहर 1.30 बजे के दौरान अर्जुनी मोरगांव सह वन क्षेत्र के बीट रामघाट-1 कक्ष क्र. 253 संरक्षित वन में प्रतापगढ़ पहाड़ी पर यह दिखाई पड़ा।
इन मार्गों से हाथियों के संचार का अनुमान
वन विभाग द्वारा निरीक्षण के दौरान अनुमानित तीन मार्गों से हाथियों का विचरण होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए गोंदिया वन विभाग की ओर से गश्त एवं बंदोबस्त का नियोजन किया गया है। पहला बुटाई, खैरी, सुकड़ी, बाराभाटी, कवठा येरंडी, दूसरा प्रतापगढ़, गोठनगांव, तिब्बती कैम्प, िचचाेली, दिनकर नगर एवं तीसरा कालीमाटी, डोंगरगांव, कोहलगांव, जब्बारखेड़ा, धाबेपवनी मार्ग से नवेगांव नेशनल पार्क तक इनका संचार हो सकता है। हाथियों के नियंत्रण के लिए रेपिड सिस्पांस टीम, नवेगांवबांध, गोठनगांव, अर्जुनी मोरगांव इन तीनों वन परिक्षेत्र के क्षेत्रीय वन कर्मचारी, विशेष व्याघ्र संरक्षण दल एवं पश्चिम बंगाल के हाथी नियंत्रण पथक की संयुक्त रूप से सेवाएं लेने का नियोजन किया गया है।
नागरिकों से सतर्कता की अपील
गोंदिया जिले में दाखिल हुए हाथियों के झुंड में छोटे हाथी भी शामिल हैं। इसलिए मानवीय हस्तक्षेप होने पर बड़े हाथी आक्रामक हो सकते हैं। ऐसे में उन पर नियंत्रण पाना काफी कठिन हो सकता है। इसलिए कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थिति में उनके पास न जाएं। साथ ही स्थानीय वन कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली सूचनाओं का पालन करें। अपने क्षेत्र में हाथी दिखाई पड़ने पर तत्काल वन विभाग को सूचित करें। मानव वन्यजीव संघर्ष को टालने के लिए सूर्यास्त के बाद खेतों में अकेले न रुकें।
कुलराज सिंह, उपवन संरक्षक, वन विभाग गोंदिया
Created On :   28 Sept 2022 7:32 PM IST