दहेज हत्या के आरोपी सास-ससुर को नहीं मिली अग्रिम जमानत

Father-in-law and mother-in-law accused of dowry murder did not get anticipatory bail
 दहेज हत्या के आरोपी सास-ससुर को नहीं मिली अग्रिम जमानत
 दहेज हत्या के आरोपी सास-ससुर को नहीं मिली अग्रिम जमानत

डिजिटल डेस्क  जबलपुर। हाईकोर्ट ने बीना के उस दंपत्ति की अग्रिम जमानत अर्जी वापस लेने के कारण खारिज कर दी, जिन पर दहेज की खातिर अपनी बहू की हत्या करने का आरोप है। जस्टिस राजीव कुमार दुबे की एकलपीठ ने मृतिका की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए उक्त आदेश दिया।
यह अर्जी सागर जिले की बीना तहसील के पुराना गल्ला मण्डी निवासी सैय्यद इज्जत अली और उसकी पत्नी नफीसा बानो की ओर से दायर की गई थी। दोनों पर अपनी बहू तराना की दहेज के लिए हत्या करने का आरोप है। झांसी के मऊरानीपुर में रहने वाली तराना का विवाह आरोपियों के पुत्र आमिर अली के साथ 26 मार्च 2018 को हुआ था। आरोप है कि विवाह के बाद से ही तराना को दहेज के लिए प्रताडि़त किया जाने लगा। इसी बीच 21 मई 2019 को तराना को गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया। उसके ससुराल वालों द्वारा बताया गया कि उसने फांसी लगाई है। इलाज के दौरान तराना की मौत होने के बाद बीना थाना पुलिस ने तराना के ससुराल वालों पर दहेज हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में आरोपियों के फरार होने पर सागर के पुलिस अधीक्षक ने 3-3 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है। गिरफ्तारी से बचने मृतिका के सास और ससुर ने यह अर्जी हाईकोर्ट में दायर की थी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैनल अधिवक्ता नालिनी गुरुंग और आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता ब्रह्मानंद पाण्डे ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि मृतिका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट है कि उसकी मौत होने के बाद उसके गले में फंदा लगाया गया है। आरोपों को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने आरोपी सास-ससुर की अर्जी खारिज कर दी।
 

Created On :   29 Oct 2019 10:00 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story