एफसीआई रिश्वत कांड बालाजी व तिरुपति कार्गो का सिवनी, नरसिंहपुर व कटनी तक फैला मिलीभगत का मायाजाल

FCI bribery scandal Balaji and Tirupati Cargos illusion of collusion spread to Seoni, Narsinghpur and Katni
एफसीआई रिश्वत कांड बालाजी व तिरुपति कार्गो का सिवनी, नरसिंहपुर व कटनी तक फैला मिलीभगत का मायाजाल
एफसीआई रिश्वत कांड बालाजी व तिरुपति कार्गो का सिवनी, नरसिंहपुर व कटनी तक फैला मिलीभगत का मायाजाल

अफसर न तो इसका सिंडिकेट तोड़ पाए न टेंडर लेने से रोक पाए
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
भोपाल के एफसीआई रिश्वत कांड के तार महाकोशल के न  सिर्फ जबलपुर बल्कि इससे सटे सिवनी, नरसिंहपुर व कटनी से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं। इसके संकेत मिले हैं तीन दिन पहले सीबीआई द्वारा जबलपुर में ट्रांसपोर्टर बालाजी तथा इसकी सहयोगी कंपनियों तिरुपति कार्गो तथा नर्मदा ट्रांसपोर्ट पर मारे गए छापे से मिले हैं। सीबीआई ने जिन तीन फर्मों पर छापा मारा है उसका मिलीभगत का मायाजाल इन तीनों जिलों तक फैला हुआ है। और जाल भी इतना मजबूत कि अफसर न तो इसका सिंडिकेट तोड़ पाए और न ही इसे टेंडर लेने से ही रोक पाए। यह अपनी फर्में बदलता रहा और टेंडर हासिल करता रहा।
कलेक्टर का प्रस्ताव भी कटनी में टेंडर लेने से नहीं रोक सका
विपणन वर्ष 2020-21 में कटनी में गेहूं परिवहन का ठेका हासिल करने वाली तिरुपति कार्गो को परिवहन कार्य में की गई अनियमितताओं के चलते तत्कालीन कलेक्टर ने 54 लाख रुपए से अधिक की पेनाल्टी लगाते हुए ब्लैक लिस्टेड करने भोपाल प्रस्ताव भेजा था। जारी विपणन वर्ष 2021-22 में तिरुपति कार्गो ने यहां अपनी सहयोगी कंपनी बालाजी ट्रांसपोर्ट को आगे कर ठेका हािसल कर लिया। तिरुपति कार्गो की ही तरह मेसर्स राहुल सलूजा को भी पिछले साल ही खाद्यान्न परिवहन में अनियमितता किए जाने पर तत्कालीन कलेक्टर ने 26 लाख रुपए से अधिक की पेनाल्टी लगाते हुए ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव भोपाल भेजा। यह प्रस्ताव भी भोपाल में लंबित है। इधर मेसर्स राहुल सलूजा ने गेहूं परिवहन करने जारी विपणन वर्ष में टेण्डर डाला। मार्कफेड ने आपत्ति भी जताई लेकिन सलूजा ने राजनीतिक पहुंच के जरिए ठेका हासिल कर लिया।
सिवनी में तीनों कंपनियों ने हासिल किए ठेके
बालाजी की पहुंच व मिलीभगत की बानगी सिवनी में देखने मिलती है। सालों से सिवनी में परिवहन ठेका हासिल करते आ रहे इस समूह की बालाजी ट्रांसपोर्ट यहां सबसे पहले परिवहन ठेका हासिल करती है। अनियमितताओं पर इसके खिलाफ जांच बिठाई जाती है तो इसने नर्मदा ट्रांसपोर्ट को आगे कर ठेका हसिल कर लिया। उसे भी ब्लैक लिस्टेड किए जाने का प्रस्ताव बनता है तो तिरुपति कार्गो के नाम पर परिवहन ठेका हासिल कर लिया जाता। तिरुपति कार्गो को पिछले साल ही ब्लैक लिस्टेड किया गया। शासन की इस कार्रवाई के खिलाफ तिरुपति कार्गो कोर्ट से स्टे ले लेती है और अफसर बैठे रह जाते हैं।
नरसिंहपुर से भी जुड़ाव के संकेत मिले
सीबीआई ने जबलपुर के साथ नरसिंहपुर में भी अमर गुड्स पर छापा मारा था। इसके संचालक नरेन्द्र राजपूत से भी लंबी पूछताछ की गई। अमर गुड्स का यहां के परिवहन ठेका पर सालों से एकछत्र राज है। इस साल का परिवहन ठेका अमर गुड्स की सहयोगी फर्म न्यू अमर गुड्स को मिला है। खबर तो यह भी है कि तिरुपति कार्गो यहां इसकी मदद से और कुछ स्थानों पर सीधे भी कारोबार करती है। न्यू अमर गुड्स द्वारा विपणन संघ (मार्कफेड) तथा नगारिक आपूर्ति निगम (नान) के अफसरों से मिलीभगत कर मैपिंग बदलवाने का मामला हाल ही में सामने आया है। 
बालाघाट से सीधे जुड़ते नजर आ रहे एफसीआई रिश्वत कांड के तार 
2020-21 नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के ठेकेदारों से बालाघाट में परिवहन कार्य करते आ रहे एफसीआई (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) ने यहां पहली बार जारी विपणन वर्ष 2021-22 के लिए सीधे टेंडर कॉल किए। एफसीआई के नवेगांव, वारासिवनी, कटंगी तथा बालाघाट के गोदामों में रखा खाद्यान्न रेलवे रैक पाइंट तक पहुंचाने का ठेका महाराष्ट्र के जलगांव की अपेक्स ट्रांसलाइन्स को मिला। सीबीआई रिश्वत कांड की जांच के फेर में जलगांव में भी छापा मार चुकी है।

Created On :   11 Jun 2021 8:35 AM GMT

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