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40 दिन में कलेक्ट्रेट से कमिश्नर कार्यालय नहीं पहुँच पाई खसरा नंबर 662 की फाइल!
![File of Khasra number 662 could not reach the collectors office in 40 days! File of Khasra number 662 could not reach the collectors office in 40 days!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2020/08/file-of-khasra-number-662-could-not-reach-the-collectors-office-in-40-days_730X365.jpeg)
डिजिटल डेस्क जबलपुर । संभागायुक्त महेशचन्द्र चौधरी को 40 दिन पहले गढ़ा पुरवा मेडिकल अस्पताल के पीछे खसरा नंबर 662 की बेशकीमती जमीन को खुर्दबुर्द किये जाने की जानकारी लगी थी। जिस पर संभागायुक्त ने नाराजगी जताते हुए कलेक्ट्रेट से उक्त खसरे की फाइल जाँच रिपोर्ट सहित मँगाने हेतु पत्र लिखा था। लगभग 40 दिन में एक फाइल कलेक्ट्रेट से संभागायुक्त तक क्यों नहीं पहुँच पाई, यह तो अधिकारी ही बता सकते हैं। फिलहाल भू-माफिया के हौसले बुलंदियों पर हैं और वे अभी भी जमीन की खरीदी-बिक्री में जुटे हुए हैं।
खसरा नंबर 662 की शासकीय अतिशेष, तालाब और ग्रीन बेल्ट की सैकड़ों एकड़ जमीन भू-माफियाओं ने कब्जा कर बेच डाली है। इस मामले में कलेक्टर द्वारा दो बार जाँच कमेटी बनाई गई। लेकिन जाँच कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई। बल्कि जाँच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया गया। इस बात की जानकारी जब संभागायुक्त महेशचन्द्र चौधरी को लगी तो उन्होंने जाँच रिपोर्ट सहित खसरा नंबर 662 की पूरी फाइल ही मँगाने का निर्णय लिया। लेकिन कलेक्ट्रेट के अधिकारी आज की तारीख तक खसरा नंबर 662 की फाइल संभागायुक्त कार्यालय नहीं पहुँचा सके।
फाइल को दबाने या फिर गुमाने की फिराक में अधिकारी
सूत्रों की मानें तो खसरा नंबर 662 की फाइल को संभागायुक्त द्वारा मँगाए जाने की जानकारी जैसे ही जाँच अधिकारियों को मिली है, उनके द्वारा फाइल को दबाने का प्रयास किया जाने लगा। सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि खसरा नंबर 662 की फाइल को किसी तरह से गुमनामी के अँधेरे में खो जाने की जुगत लगा रहे हैं। यानी इस फाइल को संभागायुक्त कार्यालय तक पहुँचने ही नहीं देना चाहते हैं। क्योंकि उन्हें डर है कि भू-माफिया और अधिकारियों के बीच हुई साँठगाँठ की कलई खुल जाएगी। इस बात से चिंतित कलेक्ट्रेट के अधिकारी संभागायुक्त कार्यालय तक फाइल भेजने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
कार्रवाई में दिलचस्पी नहीं
मेडिकल अस्पताल के पीछे की जमीन पर हजारों की संख्या में मकान बने हुए हैं। उनके विरुद्ध अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। जिन 5 लोगों के खिलाफ नगर निगम ने एफआईआर कराई है ये वो लोग हैं जिन्होंने नगर निगम से नक्शा पास कराया था या फिर कागजी दस्तावेज नगर निगम में जमा किये थे। उनके विरुद्ध एफआईआर करा दी गई है। इसके अलावा जितने भी अवैध मकान बने हैं, उनके खिलाफ तो किसी प्रकार की कार्रवाई ही नहीं हो रही है।
अभी तक फाइल नहीं पहुँची
ट्टखसरा नंबर 662 की फाइल अभी तक नहीं पहुँची है। उसमें क्या हो रहा है और क्या हो सकता है, मैं दिखवाता हूँ।
महेशचन्द्र चौधरी, संभागायुक्त
Created On :   17 Aug 2020 8:32 AM GMT