शराब ठेके की प्रक्रिया में सरकार ने नहीं की कोई त्रुटि, इसलिए ठेकेदारों की याचिका पर नहीं दे सकते दखल

Government did not make any errors in the process of liquor contracts, so cannot interfere
शराब ठेके की प्रक्रिया में सरकार ने नहीं की कोई त्रुटि, इसलिए ठेकेदारों की याचिका पर नहीं दे सकते दखल
शराब ठेके की प्रक्रिया में सरकार ने नहीं की कोई त्रुटि, इसलिए ठेकेदारों की याचिका पर नहीं दे सकते दखल

37 याचिकाओं पर 135 पृष्ठीय फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा- यदि ठेकेदारों को लगता है कि आवंटित दुकान चलाने में उन्हें घाटा होगा, तो वे एक्साईज ड्यूटी की माफी के लिए जिला समिति को दे सकते हैं आवेदनज्
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
प्रदेश की शराब दुकानों के 12 हजार करोड़ रुपए के ठेकों को लेकर सरकार द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाली ठेकेदारों की याचिका पर हाईकोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर मुहर लगा दी है। अपने 135 पन्नों के फैसले में चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा- च्परे मामले पर गौर करने के बाद यह साफ है कि सरकार ने ठेके की प्रक्रिया में कहीं कोई गलती नहीं की, इसलिए इन याचिकाओं के जरिए उन पर दखल नहीं दिया जा सकता। हालांकि युगलपीठ ने ठेकेदारों को यह राहत जरूर दी है कि वे आवंटित दुकान के संचालन में होने वाले नुकसान को लेकर एक्साईज ड्यूटी की माफी के लिए जिला समिति को आवेदन दे सकते हैं। उस आवेदन पर सक्षम अधिकारी सहानुभूति पूर्वक विचार करके उचित निर्णय लेने कहा गया है।
ठेकेदारों की ओर से दायर इन याचिकाओं में कहा गया था कि पूरे प्रदेश में कोरोना संकट के चलते 21 मार्च से शराब दुकानें बंद कर दी गईं थीं। 1 अप्रैल 2020 से शुरु होने वाले नए ठेके की प्रक्रिया के जारी रहते 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया, जो 3 मई तक जारी रहा। इसी बीच 2 मई को राज्य सरकार ने शराब दुकानों को खोलने का निर्णय लेकर नए सत्र के सफल ठेकेदारों को उनके ईमेल पर लाईसेन्स जारी करना शुरु कर दिए। 2 मई को ही ये याचिकाएं दायर करके प्रदेश की शराब दुकानों के ठेके की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए ये याचिकाएं दायर की गईं थीं। मप्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ऑफ इण्डिया तुषार मेहता और महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने पैरवी की।
कोर्ट ने कहा- च्यह कहना गलत कि पूरा ठेका ही दूषित हुआ और उसका पालन कर पाना नामुमकिनज्
अपने फैसले में युगलपीठ ने कहा- कोरोना संकट के दौरान 2 माह और 5 दिनों के लिए शराब दुकानों का संचालन प्रभावित हुआ। प्रदेश के रेड जोन वाले भोपाल, इन्दौर और उज्जैन जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में 4 मई से दुकानों का संचालन शुरु हो गया। ऐसे में ठेकेदार यह नहीं कह सकते कि ठेके की पूरी प्रक्रिया ही दूषित हो गई उसका पालन कर पाना नामुमिकन है। इस बात को ध्यान में रखना होगा कि ठेके की अवधि 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक के लिए थी और अभी भी इसकी तीन तिमाही शेष हैं। इन याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान दो माह की नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ठेके की अवधि को 31 मई 2021 तक बढ़ा चुकी है। 14 घंटों तक दुकानों का संचालन न होने की ठेकेदारों की दलीलों को नकारते हुए युगलपीठ कहा कि 31 मई 2020 के आदेश के बाद दुकानों का समय सुबह 7 से रात 9 बजे तक कर दिया गया, जो 14 घंटों का है। ऐसे में यह दलील भी स्वीकार करने योग्य नहीं हैं।

Created On :   22 July 2020 2:05 PM GMT

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