शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह के अधिकार को लेकर चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी

Hearing completed in the Election Commission regarding the right of Shiv Sena and its election symbol
शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह के अधिकार को लेकर चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी
चुनाव आयोग शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह के अधिकार को लेकर चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह के अधिकार को लेकर चुनाव आयोग में लंबे समय से जारी सुनवाई अंतिमत: शुक्रवार को पूरी हो गई है। दोनों ठाकरे और शिंदे गुट की तरफ से दलीलें पूरी हो जाने के बाद चुनाव आयोग ने अब दोनों पक्षों को मामले में 30 जनवरी तक संक्षिप्त में अपना लिखित जवाब पेश करने को कहा है। लिखित जवाब मिलने के बाद आयोग मामले में अपना फैसला सुनाएगा। आज की सुनवाई में ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और देवदत्त कामत ने दलील पेश की। वहीं शिंदे गुट की तरफ से महेश जेठमलानी और ममिंदर सिंह ने दलील रखी। करीब पांच घंटे तक चली सुनवाई के दौरान चिन्ह और पार्टी पर अपने-अपने दावे को लेकर ठाकरे गुट के देवदत्त कामत और शिंदे गुट के वकिल महेश जेठमलानी के बीच तीखी गहमागहमी भी हुई, जिसमें आयोग को हस्तक्षेप करना पड़ा।

सुनवाई में ठाकरे गुट की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में तार्किक के साथ भावनिक मुद्दों पर जोर देते कहा कि चुनाव आयोग में याचिका लगाते समय शिदे गुट के पास जनप्रतिनिधियों का आंकड़ा नहीं था। साथ ही उनके द्वारा पेश की गई 42 पेज की अर्जी के साथ कोई दस्तावेज भी नहीं थे। ऐसे में आयोग नोटिस जारी नहीं कर सकता। सिब्बल ने यह भी सवाल उठाया कि अगर इनके बीच बगावत हुई तो शिंदे गुट ने आयोग में आने में एक महीने का समय क्यों लगाया? सिब्बल ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की प्रक्रिया चुनाव आयोग को बताकर पूरी की है। शिंदे गुट भले ही खुद को राजनीतिक दल मानता हो, लेकिन उसने ऐसी किसी बातों की पूर्ति नहीं की है। शिंदे गुट द्वारा बनाई गई कार्यकारिणी गैरकानूनी है। ठाकरे गुट की कार्यकारिणी बर्खास्त नहीं हो सकती, वह पार्टी के संविधान के मुताबिक है। इस दौरान उन्होंने प्रतिनिधि सभा बुलाने के अनुमति के साथ शिवसेना के पक्षप्रमुख पद की समय सीमा बढ़ाने की भी मांग की।

सुनवाई के बाद ठाकरे गुट के नेता एवं पूर्व मंत्री अनिल परब ने मीडिया से कहा कि मई 2018 में पार्टी के संविधान में हुए बदलाव और उस आधार पर गठित कार्यकारिणी को लेकर शिंदे गुट ने किसी प्रकार का सवाल खड़ा नहीं किया था। कई बैठकों के बाद उन्होंने अपनी कार्यकारिणी के सदस्यों की नियुक्तियां की है। पार्टी के संविधान में किए गए सभी बदलावों को हमने आयोग के समक्ष रखा। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सभी मुद्दों को ध्यान में लेते हुए शिवसेना उद्धव ठाकरे के साथ है और पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी हमें ही मिलेगा। शिंदे गुट के नेता सांसद राहुल शेवाले ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की संख्या हमारे पास है, इसलिए पार्टी और चुनाव चिन्ह पर हमारा अधिकार है। 30 जनवरी के बाद जो फैसला आएगा वह अच्छा ही होगा। 

Created On :   20 Jan 2023 9:44 PM IST

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