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एक हजार रुपए में खरीदी थी डॉक्टर की डिग्री, दो फर्जी क्लीनिक सील
डिजिटल डेस्क बालाघाट । यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीम ने लामता क्षेत्र अंतर्गत दो ऐसे दवाखानों को सील किया है जो फर्जी डिग्रियों के माध्यम से संचालित किए जा रहे थे और मरीजों क ी जान से खिलवाड़ कर रहे थे इनमें से एक के संचालक ने तो एक हजार रूपये में डाक्टर की डिग्री खरीदी थी । ग्राम गुडरू में अवैध तौर पर संचालित एक दवाखाना को सील कर दिया। इसी तरह ग्राम चांगोटोला में भी संचालित एक दवाखाना को सील करने की कार्यवाही की गई। चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इन दवाखानों का संचालन बगैर किसी मान्य डिग्री के किया जा रहा था। टीम की कार्यवाही के दौरान इन दोनों दवाखानों में भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाईया पाई गई है। स्वास्थ्य विभाग टीम ने मौके पर पंचनामा कार्यवाही करते हुये जांच प्रतिवेदन तैयार किया है जिसे सीएचएमओ डॉ के.के खोसला के समक्ष पेश किया जायेगा।
1 हजार रू. में खरीदी थी डॉ. की डिग्री
जांच अधिकारी के अनुसार उक्त चिकित्सक द्वारा लगभग 10 वर्षों से डाक्टर के रूप में प्रेक्टिस की जा रही थी। यहां तक अवैधरूप से गर्भपात भी करवा रहा था। उसके द्वारा बयान में यह बताया गया है कि उसके पास बैचलर ऑफ इलेक्ट्रोमैग्रोपैथी का सर्टिफिकेट है जिसके आधार पर डॉक्टरी कर रहा है और उक्त सर्टिफिकेट उसने 1 हजार रूप्ये में प्राप्त किया था। विभागीय तौर पर जानकारी के अनुसार ग्राम गुडरू में सील किये गये दवाखाना का संचालन मेखराम के द्वारा किया जा रहा था। जानकारी के मुताबिक मेखराम जन स्वास्थ्य रक्षक के तौर पर अपनी सेवाये दे चुके है जो अनुभव के आधार पर एलोपेथिक पद्धति से मरीजों का उपचार कर रहे थे। स्वास्थ्य विभाग टीम को दवाखाने से भारी मात्रा में ऐलोपेथिक दवा और उपयोग किये गये इंजेक्शन प्राप्त हुये है। इसी तरह ग्राम चांगोटोला में संचालित दवाखाने का संचालन श्री चौहान द्वारा किया जा रहा था जो स्वास्थ्य विभाग टीम के समक्ष कोई भी वैध दस्तावेज पेश नहीं कर पाये।
अवैध रूप से हो रहा था संचालन- डॉ. परेश उप्लव
इस कार्रवाई में शाामिल टीम के सदस्य जिला टीकाकरण अधिकारी परेश उप्लव ने बताया कि सीएचएमओ के.के खोसला से प्राप्त आदेश के तहत गुडरू व चांगोटोला में अवैध तौर पर संचालित दो क्लिनिक को सील किया गया कार्यवाही के दौरान दोनों दवाखानों में भारी मात्रा में ऐलोपैथिक दवाईयां पाई गई है। इस कार्यवाही के दौरान क्लिनिक के संचालकों के पास कोई भी चिकित्सीय डिग्री नहीं थी फिर भी वे ऐलोपेथिक प्रेक्टिस कर रहे थे जिनकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हुई थी। इस कार्यवाही को लेकर जांच प्रतिवेदन स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जायेगा। इन दवाखानों के संचालकों से 50-50 हजार रूपये जुर्माना लगाया जायेगा वहीं प्राप्त दवाईयों के संबंध में अग्रिम कार्यवाही औषधी निरीक्षक द्वारा की जायेगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीम मेंं जिला टीकाकरण अधिकारी परेश उप्लव के अलावा नायब तहसीलदार प्रीति चौरसिया सहित उपनिरीक्षक श्री परते शामिल रहे।
Created On :   8 Nov 2017 6:26 PM IST