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करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच कराने नगर निगम की एमआईसी ने लोकायुक्त को भेजा प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क सतना। नगर निगम की मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) ने जिला मुख्यालय के निगम क्षेत्र के अंतर्गत कराए गए करोड़ों के निर्माण-विकास एवं सौदंर्यीकरण के कामों में भारी भ्रष्टचार और घोटाले के आरोप लगाते हुए जांच का प्रस्ताव लोकायुक्त को भेज दिया है। मेयर और एमआईसी अध्यक्ष ममता पांडेय ने माना कि इस सिलसिले में एमआईसी की मीटिंग में गुरुवार को वरिष्ठ सदस्य सुशील सिंह मुन्ना के नेतृत्व में 8 सदस्यों ने इस आशय के अलग -अलग प्रस्ताव सदन के पटल पर रखे थे। आमराय से इन्हीं प्रस्तावों के मद्देनजर मेयर इन काउंसिल ने मामले की जांच का प्रस्ताव लोकायुक्त को भेजा है। जांच के दायरे में कई योजनाएं , मानचित्र के विपरीत भवन निर्माण और विद्युत सामग्री की खरीदी को भी शामिल किया गया है। बैठक में निगमायुक्त अमन वीर सिंह भी मौजूद थे।
17 मामलों में घोटाले के आरोप
एमआईसी के 8 सदस्यों की ओर गुुरुवार को प्रस्तुत प्रस्तावों में वाटर फिल्टर, कीटनाशक और विद्युत सामग्री की खरीदी में भारी भ्रष्टाचार का दावा किया गया है। मसलन- नवीन विद्युत पोल की खरीदी, पुरानी लाइनों की शिफ्टिंग , सहायक सामग्री की खरीदी, सीवरेज लाइन और अमृत योजना के डीपीआर, अतिरिक्त पाइप लाइन की स्वीकृति, आवास योजना के बीएलसी - एएचपी, आईएचएसडीपी योजना के भवन निर्माण, मस्टर श्रमिकों की भर्ती , टेबल टेंडर, भरहुत होटल की बाउंड्री में कर्टेन फाउंटेन, धवारी चौक में फाउंटेन, पन्नीलाल और लालता चौक में विकास एवं सौंदर्यीकरण, विभिन्न स्थानों में पेवर्स वर्क, पुराना नगर निगम में प्रथम तल के शॉपिंग कॉम्पलेक्स का काम, संबल योजना के तहत मजदूरी कार्ड ,बीपीएल राशन ,प्रसूति एवं विवाह सहायता तथा मानचित्र के विपरीत भवन निर्माण , बने हुए कॉम्पलेक्स तथा पार्किंग स्थल में किराए से दुकान चलाने के मामलों में भारी भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोप लगाए गए हैं।
एमआईसी के 8 सदस्यों ने करोड़ों के भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच के प्रस्ताव दिए थे। एमआईसी ने सर्वसम्मति से इन मामलों की लोकायुक्त से जांच कराने का प्रस्ताव भेजा है।
ममता पांडेय, मेयर और अध्यक्ष एमआईसी
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।