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नाक-मुंह दबाकर की गई थी जिला संयोजक की हत्या, धारा 302 का प्रकरण दर्ज

डिजिटल डेस्क, सतना। आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक अभिषेक सिंह की सरकारी बंगले में संदिग्ध परिस्थितियों में मिली लाश के मामले में नया मोड़ आ गया है। कथित तौर पर लगने वाली खुदकुशी दरअसल सुनियोजित कत्ल है। यह खुलासा शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम ने किया है। पीएम के बाद टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि जिला संयोजक के कत्ल में 4 से 5 लोगों की भूमिका हो सकती है। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के आधार पर सिविल लाइन्स पुलिस ने भारतीय दण्ड विधान की धारा 302 के तहत मुकदमा पंजीबद्ध कर लिया है।
एक नजर मामले पर
गौरतलब है कि जिला संयोजक अभिषेक सिंह अपने बंगले पर मृत पाए गए थे। श्री सिंह की पत्नी के सुबह फोन लगाने के बाद जब उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया था, तब उनकी पत्नी ने पति के ऑफिस के कर्मचारी को सरकारी आवास भेजकर फोन न उठाने की वजह जानने के लिए भेजा था। काफी देर खटखटाने के बाद भी जब अभिषेक ने दरवाजा नहीं खोला तो कर्मचारी पीछे की ओर गया जहां का दरवाजा खुला था। अंदर बेडरूम पहुंचते ही कर्मचारी को होश फाख्ता हो गए। बेड पर अभिषेक मृत अवस्था में चित लेटे थे। चादर में खून की कुछ बूंदें थी, जबकि बिस्तर पर इंसुलिन की एक खाली वॉयल, सिरिंज और मधुमेह की दवाई रखी थीं। मामले की जानकारी लगते ही पुलिस फौरन हरकत में आ गई थी।
मेडिकल कॉलेज में 8 सदस्यीय टीम ने किया पीएम
परिजनों के सतना जिला अस्पताल में पीएम कराने के इंकार के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए रीवा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया था। फोरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. एसपी गर्ग के नेतृत्व डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अनूप मिश्रा, कैज्युअल्टी डिपार्टमेंट के सीएमओ डॉ. अतुल सिंह, डॉ. यत्नेश त्रिपाठी, पैथॉलॉजिस्ट डॉ. लोकेश त्रिपाठी, फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. आरके पाण्डेय, डॉ. नितिन प्रसाद और मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. अखिलेश तिवारी ने मिलकर शव का पोस्टमार्टम किया। पीएम की पूरी वीडियोग्राफी भी कराई गई।
मुंह के अंदर चोट के निशान,टूटा था जबड़ा
पीएम से पहले टीम ने सिविल लाइन्स थाना से डायरी मंगवाई ताकि यह देखा जा सके कि अभिषेक के शरीर में नजर आ रहे खरोंच जैसे निशान पहले से थे या शव को रीवा लाते समय बन गए। पोस्टमार्टम के दौरान टीम को अभिषेक के मुंह में चोट के निशान मिले तो होंठ अंदर की तरफ कटे पाए गए। उसका जबड़ा भी टूटा था शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में डॉक्टरों की टीम ने माना कि हत्या में कम से कम 4-5 व्यक्ति शामिल हो सकते हैं। विस्तृत रिपोर्ट बाद में भेजी जाएगी। इसके अलावा बिसरा सुरक्षित कर फॉरेसिंक जांच के लिए सागर भेज दिया गया है।
शरीर में इंसुलिन के ट्रेसेज नहीं
पोस्टमार्टम करने वाली टीम को अभिषेक के शरीर से न तो इंसुलिन के ट्रेसेज मिले और न ही खून में कोई मधुमेह की दवा पाई गई। यानि बिस्तर पर जो इंसुलिन का खाली वॉयल, सिरिंज और शुगर की टेबलेट मिली थी वह सिर्फ केस को डायवर्ट करने का प्रयास है।
डीएसपी के नेतृत्व में बनाई गई जांच टीम
शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर सिविल लाइन्स पुलिस ने फिलहाल अज्ञात हत्यारे के विरुद्ध धारा 302 के तहत मुकदमा पंजीबद्ध कर लिया है। अब हत्यारा एक है या फिर एक से अधिक पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंची है। उधर, अभिषेक का दाहसंस्कार उनके पैतृक गांव तिलखन में बुधवार को कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर ने एक जांच टीम भी बनाई है जिसमें डीएसपी अमर सिंह के नेतृत्व में सिविल लाइन्स थाना टीआई पुरुषोत्तम पाण्डेय, एसआई डीडी खान, प्रधान आरक्षक संतोष धुर्वे मामले की जांच करेंगे। इस टीम में एक महिला सब इंस्पेक्टर और फोरेंसिक ऑफिसर महेन्द्र सिंह भी शामिल रहेंगे।
इनका कहना है
शार्ट पीएम रिपोर्ट के आधार पर सिविल लाइन थाने में हत्या का मुकदमा पंजीबद्ध किया गया है। इस मामले की जांच के लिए डीएसपी अमर सिंह के नेतृत्व में विशेष टीम भी बनाई गई है।
संतोष सिंह गौर पुलिस अधीक्षक
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