गड़चिरोली में पौधारोपण की जरूरत नहीं - वडेट्टीवार ने सरकार की पौधारोपण मुहिम पर उठाए सवाल

No need for the plantation in Gadchiroli : MLA Vijay Wadettiwar
गड़चिरोली में पौधारोपण की जरूरत नहीं - वडेट्टीवार ने सरकार की पौधारोपण मुहिम पर उठाए सवाल
गड़चिरोली में पौधारोपण की जरूरत नहीं - वडेट्टीवार ने सरकार की पौधारोपण मुहिम पर उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। कांग्रेस के विधानमंडल के उपनेता और विधायक विजय वडेट्टीवार ने राज्य सरकार की पौधारोपण मुहिम पर आपत्ति जताते हुए यह मुहिम केवल निधि की बर्बादी के लिए चलाए जाने का आरोप लगाया। गड़चिरोली में आयोजित एक पत्र परिषद में उन्होंने आगे कहा कि जंगलों से व्याप्त गड़चिरोली जिले में पहले से ही 70 फीसदी वन उपलब्ध है। ऐसे में गड़चिरोली जिले में पौधारोपण मुहिम की कोई आवश्यकता नहीं है। गत तीन वर्षों से किए जा रहे इस मुहिम के तहत लगाये गये पौधों में से 25 फीसदी पौधों को संजीवनी देने में वनविभाग सफल नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मुहिम को सफल बनाने पूरी तरह विफल साबित होकर इसके खिलाफ आगामी विधानासभा के मानसून अधिवेशन में तारांकित प्रश्न उपस्थित कर सरकार के खिलाफ आवाज उठायेंगे।

वडेट्टीवार ने बताया कि, समूचे राज्य के एकमात्र गड़चिरोली जिले में 70 फीसदी से अधिक जंगल मौजूद है। बावजूद इसके करोड़ों रुपये की निधि की बर्बादी कर तीन वर्षों से गड़चिरोली जिले में पौधारोपण मुहिम चलायी जा रही है। वनों के संवर्धन की जिम्मेदारी वन मंत्रालय की है, लेकिन मुहिम के दौरान लगाये गये पौधों को संजीवनी देने में यह सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। उन्होंने बताया कि, मुहिम के तहत खरीदी किये जाने वाले एक पौधे की कीमत करीब 60 रुपए बतायी गयी है। चूंकि गड़चिरोली जिले में पौधों की संख्या काफी है, यह मुहिम चलाकर इस निधि में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप भी वडेट्टीवार ने लगाया है। आगामी 17 जून से आरंभ होने जा रहे विधानसभा के मानसून सत्र में यह मुद्दा पेश कर सरकार के खिलाफ आवाज उठायी जाएगी।

राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि, इस वर्ष प्रदेश के तकरीबन 22 हजार गांवों को सरकार ने सूखाग्रस्त घोषित किया। जिसमें विदर्भ के 9 हजार गांव शामिल हैं, लेकिन विदर्भ के गांवों की ओर सरकार ने पूरी तरह अनदेखी की है। स्वयं मुख्यमंत्री अपने निर्वाचन क्षेत्र में शांति निर्माण करने के कार्य में असफल साबित हुए हैं। गड़चिरोली जिले के आदिवासी, ओबीसी व अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को स्कालरशिप में भी यह सरकार विफल साबित हुई है। इसी तरह किसानों को सोलर पंप के लिए मजबूर किया जा रहा है। मात्र योजना के तहत 4 लाख रुपयों के सोलर पंप के लिए 25 फीसदी राशि किसानों को अदा करने की शर्त रखने के कारण किसान योजना का लाभ पाने असमर्थ साबित हो रहे हैं। यह योजना भी गड़चिरोली जिले में विफल साबित हुई है। उधर राज्य सरकार ने एटापल्ली तहसील की सुरजागढ़ पहाड़ी को पुलिस की सुरक्षा प्रदान कर लौह उत्खनन का कार्य आरंभ किया, लेकिन अब तक यह कारखाना गड़चिरोली में निर्माण करने की कोई हलचल नहीं देखी जा रहीं है। यहां परियोजना के नाम पर जिले की भोलीभाली आदिवासी जनता के साथ सौतेला व्यवहार किये जाने का आरोप वडेट्टीवार ने पत्र परिषद में लगाया है। 

एसडीपीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें 
महाराष्ट्र दिवस पर कुरखेड़ा तहसील के जांभुलखेड़ा-लेंढारी मार्ग पर नक्सलियों द्वारा किये गये शक्तिशाली भुसूरंग विस्फोट में क्यूआरटी दल के 15 जवानों को शहादत प्राप्त हुई। इस घटना के लिए कुरखेड़ा के उपविभागीय पुलिस अधिकारी शैलेश काले पूरी तरह जिम्मेदार है। विभाग के एसओपी के तहत उन्होंने कार्य नहीं किया। जिसका खामियाजा अब पुलिस जवानों के परिवार को भुगतना पड़ रहा है। इतनी बड़ी लापरवाही किसी अधिकारी द्वारा होने के बाद भी पुलिस विभाग ने एसडीपीओ काले का केवल तबादला किया। उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। नक्सली वारदातें रोकने में राज्य सरकार का गृह मंत्रालय विफल होकर एसडीपीओ काले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। यह मांग भी आगामी मानसून अधिवेशन में की जाएगी। 

Created On :   6 Jun 2019 3:54 PM IST

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