लॉकडाउन में महिला थाने में एक भी अपराध पंजीबद्ध नहीं

Not a single crime has been registered in the womens station under lockdown
लॉकडाउन में महिला थाने में एक भी अपराध पंजीबद्ध नहीं
लॉकडाउन में महिला थाने में एक भी अपराध पंजीबद्ध नहीं

डिजिटल डेस्क जबलपुर। वो महिला थाना जहाँ रोजाना महिलाओं की भीड़ जमा रहती थी। महिलाएँ अपने ऊपर हो रहे अत्याचार की शिकायतें लेकर यहाँ आती थीं, यही महिला थाना अब खाली नजर आता है। यहाँ तक कि फोन पर भी महिलाएँ अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार की शिकायतें नहीं कर रही हैं। आँकडे ये बताते हैं कि लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अब तक महिला थाने में एक भी अपराध पंजीबद्ध नहीं हुआ है। देखा जाए तो लॉकडाउन के दौरान लोगों को परिवार का मूल्य समझ में आया है। महामारी के भय से ही  सही लेकिन ये समझ आया है कि यदि परिवार साथ हो तो सभी परेशानियों से निपटा जा सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण महिला थाने में पंजीबद्ध न होने वाले केस हैं।
रूठने वालों को समझा दिया
  महिला थाना से प्राप्त जानकारी के मुताबिक महिलाओं पर  ऐसा अत्याचार नहीं हुआ है कि उसे अपराध की श्रेणी में गिनते हुए पंजीबद्ध किया जाए। हाँ, एक-दो  महिलाएँ अपने परिवार से नाराजगी की शिकायतें लेकर जरूर आईं थीं जिन्हें समझाइश देकर वापस भेज दिया गया।
22 मार्च तक 25 मामले पंजीबद्ध
  महिला थाने के  एएसआई ओपी पांडे के मुताबिक 1 जनवरी से लेकर 22 मार्च तक कुल 25 मामले पंजीबद्ध हुए हैं। जो महिलाओं पर होने वाले भिन्न-भिन्न तरह के अपराध  की कहानी बयां करते हैं। लेकिन लॉकडाउन में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
 

Created On :   9 May 2020 1:10 PM GMT

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