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पॉवर जनरेटिंग कंपनी के कर्मचारी को 58 वर्ष में सेवानिवृत्त करने का आदेश निरस्त
हाईकोर्ट ने कहा- याचिकाकर्ता को 62 वर्ष तक कार्य करने की अनुमति दी जाए
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी में कार्यरत संयंत्र सहायक को 58 वर्ष में सेवानिवृत्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता को सेवा में पदस्थ मानते हुए सभी सेवा लाभ प्रदान किए जाएँ। एकलपीठ ने कंपनी को आदेशित किया है कि याचिकाकर्ता को सेवा में वापस लेकर 62 वर्ष तक सेवा करने की अनुमति दी जाए। यह याचिका पॉवर जनरेशन कंपनी के पेंच विद्युत उत्पादन गृह में कार्यरत संयंत्र सहायक राजेन्द्र प्रसाद गौतम की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि कंपनी ने उसे 30 जून 2019 को 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त कर दिया। कंपनी की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने 60 वर्ष तक कार्य करने के लिए अधिसूचना के अनुसार लिखित प्रारूप में आवेदन समयावधि में प्रस्तुत नहीं किया है, इसलिए उसे 58 वर्ष में सेवानिवृत्त किया गया है।
60 वर्ष तक सेवा करने के लिए लिखित आवेदन की अनिवार्यता नहीं
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता देवेंद्र सिंह राजपूत और जयंत पटेल ने पैरवी करते हुए तर्क दिया कि 60 वर्ष तक सेवा करने के लिए लिखित में आवेदन प्रस्तुत करने की अनिवार्यता नहीं है। याचिकाकर्ता को भी अन्य कर्मचारियों की तरह 60 वर्ष तक सेवा करने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए था। सेवानिवृत्ति आयु को अब बढ़ाकर 62 वर्ष किया जा चुका है। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को 58 वर्ष में सेवानिवृत्त करने का आदेश निरस्त कर दिया है।
Created On :   13 March 2021 2:14 PM IST