हमारी परंपरा है दवा और दुआ की: शंकराचार्य सदानंद सरस्वती

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
जो वस्तु अप्रमाणित होती है उसे अंधविश्वास कहते हैं हमारी परंपरा है दवा और दुआ की: शंकराचार्य सदानंद सरस्वती

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने बागेश्वर धाम का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी किसी भी क्रिया से अगर किसी का नुकसान होता है, अंधविश्वास किसे कहते हैं, अंधविश्वास शब्द का अर्थ जानते हैं, नहीं जानते, बस कह रहे हैं अंधविश्वास, जो वस्तु अप्रमाणित होती है उसे अंधविश्वास कहते हैं। कौन सी अप्रमाणिकता वहां हो रही है, वो यह कह रहे हैं कि हम हनुमान जी की कृपा से ठीक करते हैं, हम ठीक नहीं करते, तो इसमें कौन सी गलत बात है। पत्रकारों से चर्चा में स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि किसी ने शिकायत की हो, किसी से उन्होंने रुपया लिया हो, किसी को ठगा हो, किसी को षडयंत्र से फंसाया हो, तो आप आपत्ति कर सकते हैं।

लेकिन अगर उनके द्वारा बताए गए उपाय से कोई ठीक हो जाता है, तो हमारी तो परंपरा है दवा और दुआ की। आप लोगों के माता-पिता दवा और दुआ मानते थे कि नहीं मानते थे, तो फिर क्या तकलीफ है। एक राजनीतिज्ञ द्वारा रामचरित मानस को लेकर दिए गए बयान के संबंध में स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि वह रामचरित मानस की एक चौपाई का अर्थ नहीं बता सकते हैं। जो आपका विषय नहीं है उस पर क्यों बोलते हैं। शब्दों के अर्थ को जाने बिना उसका उच्चारण नहीं करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि शंकराचार्य बनने के बाद स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज का सोमवार को पहली बार छिंदवाड़ा आगमन हुआ। शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज सोमवार की शाम को पातालेश्वर में आयोजित मां काली प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पहुंचे थे। यहां से वे मोहखेड़ विकासखंड के ग्राम जाम में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा व मंदिर लोकार्पण महोत्सव में शामिल होने रवाना हुए। 
 

Created On :   24 Jan 2023 9:51 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story