धान की फसल कटने को तैयार लेकिन मौसम का बना है खतरा

Paddy crop ready to be harvested but the danger of the weather
धान की फसल कटने को तैयार लेकिन मौसम का बना है खतरा
मौसम विभाग का अलर्ट धान की फसल कटने को तैयार लेकिन मौसम का बना है खतरा

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. इनदिनों खेत-खलियानों में पीला सोना अर्थात धान लहलहा रहा है। हल्के प्रजाति का धान कटने को पूर्ण रूप से तैयार है। ऐसे में किसानों को बेमौसम बारिश का डर सता रहा है। यहीं एक वजह है कि किसान धान की फसल को काटने को तैयार नहीं हो रहे हंै। इधर, मौसम विभाग ने संपूर्ण राज्य में बारिश का अलर्ट जारी किया है। यदि बारिश होती है, तो किसानों की दिवाली अंधेरे में ही रह जाएगी। बता दें कि गोंदिया जिले को पूर्व विदर्भ में धान के कटोरे के नाम से पहचाना जाता है। जिले के धान उत्पादक किसानों ने इस वर्ष लगभग 1 लाख 98 हजार हेक्टेयर खेती पर खरीफ फसल लगाई गई। लेकिन प्राकृतिक आपदा व अतिवृष्टि के कारण 12 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। जिससे किसानों को भारी नुकसान सहना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि जिले में खरीफ सत्र में धान उत्पादक किसानों द्वारा 60 प्रतिशत हल्के धान की फसल लगाई जाती है। जो 80 से 90 दिनों के भीतर कटने के लिए तैयार हो जाती है। अर्थात दीपावली के पूर्व धान की फसल कटकर किसानों के हाथों में पैसा आ जाता है। इस वर्ष भी हल्के धान की फसल कटने को तैयार हो चुकी है, लेकिन बेमौसम बारिश का डर जिलेवासियों पर मंडरा रहा है। प्रतिदिन बारिश का मौसम बना रहता है आैर कहीं न कहीं बारिश हो रही हंै। इससे हाथ में आई फसल नष्ट होने की चिंता किसानों को सता रही है।

Created On :   10 Oct 2022 7:11 PM IST

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