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7 घंटे बिजली गुल ; जिला अस्पताल में तड़पते रहे मरीज
डिजिटल डेस्क कटनी। करीब 7 घंटे तक शहरी क्षेत्र में विद्युत गुल रहने का सबसे अधिक खामियाजा जिला अस्पताल में दाखिल मरीजों तथा जांच कराने जिला अस्पताल पहुंचे मरीजों को भुगतना पड़ा। अस्पताल प्रबंधन द्वारा बिजली गुल दौरान अस्पताल के वार्डों तथा सोनोग्राफी एवं एक्सरे विभाग में विद्युत सप्लाई की वैकल्पिक व्यवस्था न करते हुए गंभीर लापरवाही बरती गई। जिसके कारण मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
नरक जैसे हालात से गुजर रहे मरीज
सुबह करीब साढ़े 8 बजे अचानक शहरी क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था ठप हो गई। जिसकी वजह से जिला अस्पताल के बर्न वार्ड, आईसीयू सहित विभिन्न वार्डों में बिजली आपूर्ति बंद हो गई। उमस से व्याकुल मरीजों को विद्युत सप्लाई बंद होने की वजह से दोहरी मार झेलनी पड़ी। खासकर बर्न वार्ड तथा आईसीयू में दाखिल मरीजों की हालत बद से बदतर होने लगी। उल्लेखनीय है कि मौसम की बदमिजाजी के चलते जिला अस्पताल में क्षमता से लगभग दोगुने मरीज दाखिल हैं। वहीं अस्पताल में मरीजों के विस्तर से लेकर उनके प्रकाश व हवा तक की व्यवस्था न के बराबर है। ऐसी स्थिति में बिजली गुल होने से मरीजों को भारी पीड़ा का सामना करना पड़ा।
एक्सरे के लिए घंटों भटकते रहे मरीज
जिला अस्पताल में अपनी जांच कराने पहुंचे मरीजों को डॉक्टरों से लेकर विभिन्न जांचों के लिए घंटों भटकना पड़ा। बिजली गुल होने के कारण अधिकांश डाक्टर अपने कक्ष से नदारद रहे तथा मरीज डॉक्टरों के आने का इंतजार करते रहे तो दूसरी ओर सोनोग्राफी, एक्सरे, पैथालॉजी जांच भी बिजली गुल होने की वजह से नहीं हो पा रही थी और मरीज इन जांचों के लिए घंटों इंतजार के बाद निराशा लिए लौट गए।
मामूली बारिश में भर गया गंदा पानी
जिला अस्पताल में जल निकासी के अब तक पर्याप्त इंतजाम नहीं हो पाए हैं। जिसके कारण मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों तथा रिस्तेदार भी जिला अस्पताल से इलाज के बदले बीमारियां लेकर जा रहे हैं। सोमवार को हुई मामूली बारिश में एक बार फिर जिला अस्पताल के जल निकासी प्रबंध की पोल खुलकर सामने आ गई। बारिश की वजह से जिला अस्पताल में जगह-जगह गंदा पानी भर गया।
सौर ऊर्ज व जनरेटर के बाद भी असुविधा
गौरतलब है कि जिला अस्पताल में बिजली गुल के दौरान वार्डों में मरीजों को होने वाली असुविधा के मद्देनजर प्रबंधन द्वारा सौर ऊर्जा एवं जनरेटर की व्यवस्था भी में मौजूद है। इसके बावजूद सोमवार को सुबह साढ़े 8 बजे से लेकर दोपहर करीब साढ़े 3 बजे तक अस्पताल प्रबंधन द्वारा न तो उक्त वैकल्पिक व्यवस्था का इस्तेमाल किया गया और न ही इसके पीछे क्या कारण थे इसका खुलासा किया गया।
Created On :   19 Sept 2017 4:28 PM IST