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बिजली कंपनियों की जमीन सरकार के नाम दर्ज करने फिर से तैयारी पिछले साल भी अक्टूबर में हुई थी कवायद

फंड जुटाने के लिए विनिवेश का फंडा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । बिजली कंपनियों की जमीनों को शासन के नाम दर्ज करने की कवायद एक बार फिर शुरू हो गई है। पिछले साल कांग्रेस शासनकाल में अक्टूबर माह में इस तरह के प्रयास हुए थे, मगर यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। अब सबसे पहले जबलपुर स्थित शक्ति भवन और उसके आसपास की भूमि को सरकार अपने अधीन करने की तैयारी में है। जिसमें खेल के मैदान से लेकर कर्मचारी आवास की भूमि शामिल की जा सकती है। इस बेशकीमती जमीन का मालिकाना हक परिवर्तन करने का मकसद जमीन का विनिवेश कर धन जुटाना है। इस प्रक्रिया को अंतिम रूप देने मप्र का लोक संपत्ति विभाग अन्य विभागों की जमीनों का डाटा जुटा रहा है। इस पत्र के बाद मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जो जानकारी भेजी है, उसमें जबलपुर में उनके पास बिना उपयोग वाली जमीन न होने की बात कही गई है। इसके अलावा रीवा और सागर क्षेत्र में कई एकड़ जमीन होने की बात कही गई है। अन्य कंपनियों द्वारा भी ऐसी ही जानकारी बनाई जा रही है। शासन की नजर 15 एकड़ में विद्युत कर्मचारियों के लिए शादी व अन्य समारोह के लिए बनाया गया भवन, खेल मैदान, आवास व अस्पताल पर है।
इनका कहना है
शासन स्तर से बिजली कंपनी द्वारा जो जमीन उपयोग में नहीं लाई जा रही है, उसकी जानकारी माँगी गई है। योजना के संबंध में जानकारी नहीं है।
- प्रकाश पचौरी, एसई सिविल, पीएमसी
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।