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पीएससी परीक्षा की चयन सूची को अंतिम रूप देेने पर रोक
ओबीसी आरक्षण - हाईकोर्ट ने चयन प्रक्रिया जारी रखने की स्वतंत्रता देकर कहा- कोर्ट की अनुमति के बिना न दी जाएं नियुक्तियां
डिजिटल डेस्क जबलपुर । ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत या फिर 14 फीसदी आरक्षण का लाभ देने के मुद्दे पर मप्र हाईकोर्ट में अब 5 फरवरी को विचार होगा। इस वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण का ही लाभ देने संबंधी अंतरिम आदेश पर पुनर्विचार किए जाने के मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। उभय पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने पीएससी को स्वतंत्रता दी है कि वो उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया जारी रखे, लेकिन कोर्ट की इजाजत के बिना न तो उसे अंतिम रूप दिया जाए और न ही कोई नियुक्तियां की जाएं। इन निर्देशों के साथ युगलपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 5 फरवरी को निर्धारित की है।
राज्य सरकार की ओर से दायर इस अर्जी में कहा गया है कि चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में होने वाले दाखिलों में ओबीसी वर्ग को 27 के बजाय 14 प्रतिशत आरक्षण देने का अंतरिम आदेश हाईकोर्ट ने 19 मार्च 2019 को दिया था। इसके बाद बीते 28 जनवरी को भी युगलपीठ ने पीएससी द्वारा विभिन्न पदों पर ली गई परीक्षाओं की चयन सूची में भी ओबीसी वर्ग को 27 के बजाय 14 फीसदी आरक्षण दिए जाने का अंतरिम आदेश सुनाया था। 19 मार्च 2019 को दिए गए अंतरिम आदेश पर फिर से विचार करने यह अर्जी दायर की गई थी। मामले पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, सिद्धार्थ गुप्ता, नयन ज्योति नोरिया, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर, उपमहाधिवक्ता प्रवीण दुबे, शासकीय अधिवक्ता हिमान्शु मिश्रा और हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक शाह और उदय साहू हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने का पक्ष सुनने के बाद अंतरिम व्यवस्था देते हुए मामले पर 5 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान ओबीसी वर्ग के आरक्षण पर विचार करने के निर्देश दिए।
Created On :   1 Feb 2020 8:49 AM GMT