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बिना क्वालीफाइंग एग्जाम के एमडीएस कोर्स में प्रवेश, घोटाले से हटेगा परदा
![scam in mp, admission in MDS course with out entrance exam scam in mp, admission in MDS course with out entrance exam](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2017/09/scam-in-mp-admission-in-mds-course-with-out-entrance-exam_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. शीतल पांडे को शुक्रवार को शासन ने पद से हटा दिया। उन्हें अपने मूल विभाग वापस भेज दिया गया ताकि व्यापम घोटाला 2 के नाम से प्रसिद्ध हुआ बिना नीट एग्जाम के प्रवेश का मामला बिना किसी दबाव के सामने आ सके। डॉ. पांडे की बेटी का नाम भी सामने आ गया है जिसे बिना नीट एग्जाम के ही डेंटल कॉलेज में प्रवेश दिलाया गया था।
प्रदेश के निजी डेंटल कॉलेजों में बिना क्वालीफाइंग एग्जाम के ही एमडीएस कोर्स में करीब 114 से ज्यादा उम्मीदवारों के प्रवेश के मामले में सरकार ने कठोर कार्रवाई करते हुए सबसे पहले मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. शीतल पांडे की प्रतिनियुक्ति समाप्त करते हुए उन्हें नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ फार्मोकोलॉजी में प्रोफेसर पद पर ज्वाईनिंग के निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने कार्रवाई करते यह संकेत भी दिया कि फर्जी प्रवेश के मामले में जांच में किसी प्रकार की लापरवाही न हो इसलिए यह कदम उठाया गया है। ज्ञात हो कि डॉ. शीतल पांडे की बेटी स्वर्णम पांडे को का भी प्रवेश बिना नीट के ही हितकारिणी डेंटल कॉलेज में एडमिशन कराने का आरोप RTI एक्टीविस्ट डॉ. आनन्द राय ने लगाया था।
व्यापम घोटाला 2 की जांच के लिए मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आरएस शर्मा ने एक कमेटी का गठन किया था जिसमें विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एसएस पांडे को अध्यक्ष बनाया गया था। इस समिति ने जांच शुरू कर दी है और एक बैठक पिछले दिनों भोपाल में आयोजित की गई जिसमें फर्जी प्रवेश देने वाले सभी कॉलेजों को बुलाया गया था पर मात्र 2 कॉलेजों से ही प्रतिनिधि पहुंचे थे।
Created On :   9 Sep 2017 2:14 PM GMT