फर्जी रजिस्ट्री मामले में दो आरोपियों को 10 वर्ष का कारावास

sentenced 10 years imprisonment to 2 accused in fake registry case
फर्जी रजिस्ट्री मामले में दो आरोपियों को 10 वर्ष का कारावास
फर्जी रजिस्ट्री मामले में दो आरोपियों को 10 वर्ष का कारावास

डिजिटल डेस्क बालाघाट। बालाघाट न्यायालय के माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश माखनलाल झोड़ की अदालत ने जमीन की फर्जी रजिस्ट्री मामले में पांच आरोपियों में दो आरोपियों को दोषी पाते हुए 10 वर्ष के कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय में अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक अभिजीत बापट ने पैरवी की थी।
    प्रकरण के अनुसार नगर के वार्ड क्रमांक 28 में स्थित मौजा गायखुरी की प.ह.नं. 13/1 रानिमं. बालाघाट की 1950 वर्गफीट के भूखंड पर फर्जी व्यक्ति को भूमिस्वामी के रूप में खड़ा कर इसकी फर्जी बिक्री किये जाने का मामला न्यायालय में पुलिस विवेचना उपरांत निर्णय के लिए रखा गया था।
    इस मामले में शिकायतकर्ता बुढ़ी निवासी 25 वर्षीय दुर्गाप्रसाद उर्फ पप्पु पिता अशोक वासनिक की फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत पर जांच करते हुए कोतवाली पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करने के खिलाफ धारा 120 बी, 467, 468, 471 एवं 474 के तहत बायपास रोड सरेखा निवासी चंदन पिता उमाप्रसाद बनवाले, स्नेहनगर निवासी 28 वर्षीय योगेश नागवंशी पिता सहदेव नागवंशी, 35 वर्षीय मुन्नालाल उर्फ मुन्ना पिता खेमचंद पटले, 45 वर्षीय राजेन्द्र पिता उमाप्रसाद बनवाले और शिकायतकर्ता दुर्गाप्रसाद उर्फ पप्पु पिता अशोक वासनिक पर मामला कायम किया था।
    घटनाक्रम के अनुसार नगर के वार्ड क्रमांक 28 में स्थित मौजा गायखुरी की प.ह.नं. 13/1 रानिमं. बालाघाट की 1950 वर्गफीट के भूखंड किसी सलीम बेग का है। जिस पर दुर्गाप्रसाद उर्फ पप्पु को आर्थिक लालच देकर उसे सलीम बेग बताकर उक्त जगह को चंदन बनवाले के नाम पर बिक्री कर दिया गया था। इस मामले में दुर्गाप्रसाद को जब आर्थिक लाभ नहीं मिला तो उसने इसकी शिकायत कोतवाली पुलिस में की थी। जिसमें कोतवाली पुलिस द्वारा की गई जांच में यह पता चला था कि यह पूरी रजिस्ट्री ही फर्जी थी। 13 अगस्त 2009 से 15 अक्टूबर 2010 के बीच हुए फर्जी रजिस्ट्री के इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर संपूर्ण विवेचना उपरांत मामला न्यायालय में पेश किया था। जहां मामले में सुनवाई चल रही थी।
 फैसले में माननीय न्यायालय ने फर्जी रजिस्ट्री में आरोपी चंदर बनवाले को धारा 120 बी, 467, 468, 471 और 474 में दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रूपये के अर्थदंड तथा दुर्गाप्रसाद उर्फ पप्पु वासनिक को धारा 120 बी, 467 एवं 468 में दोषी पाते हुए 10 वर्ष के कारावास और 6 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। दोनो ही मूल रूप से फर्जी रजिस्ट्री मामले में विक्रेता और क्रेता की भूमिका में थे। जबकि मामले में बनाये गये तीन अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया है।

 

Created On :   21 Dec 2017 2:15 PM IST

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