किसानों के चेहरे पर लौटी मुस्कान -सावन के आखिरी दिन बरसे मेघ

Smile returned to farmers faces - cloud cover for last day of spring
 किसानों के चेहरे पर लौटी मुस्कान -सावन के आखिरी दिन बरसे मेघ
 किसानों के चेहरे पर लौटी मुस्कान -सावन के आखिरी दिन बरसे मेघ

डिजिटल डेस्क जबलपुर । सावन के अंतिम दिन ग्रामीण क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई। बारिश से किसानों के चेहरे फिर से खिल उठे हैं। दरअसल धान की फसल बारिश के अभाव में पीली पडऩे लगी थी व खेतों में दरारें निकल आईं थीं। सोमवार को हुई बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है। खरीफ फसल के लिए यह बारिश अमृत के समान है। इससे धान ही नहीं बल्कि खरीफ की अन्य फसलों को भी संजीवनी मिली है।
बारिश के दौरान गिरा मकान
पाटन। पाटन से 15 किलोमीटर दूर स्थित बजरंगढ़ में सोमवार शाम चार बजे तेज बारिश हुई। करीब एक घंटे तक बारिश होती रही। शाम पांच बजे जैसे ही बारिश थमी इसी दौरान गांव का एक मकान ढह गया। गनीमत यह थी कि हादसे के दौरान घर पर कोई मौजूद नहीं था। बताया गया है कि बजरंगढ़ निवासी केशव प्रताप सिंह का मकान बारिश से धाराशायी हो गया। हादसे के दौरान उनकी पत्नी आशा घर पर थीं। 
फसलों को मिली राहत
बरेला/धनपुरी। क्षेत्र में भी सोमवार को झमाझम बारिश हुई। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से यहां बारिश नहीं होने से फसलें सूखने लगीं थीं। कृषकों ने बताया कि इस बारिश से फसलों को नया जीवन मिल गया है। 
गांधीग्राम: धान को मिली संजीवनी, रोपाई भी शुरू
सोमवार को हुई बारिश से गांधीग्राम क्षेत्र में धान की फसल को संजीवनी मिल गई। सूखे खेतों में पानी भरने से किसानों के चेहरे खिल गए। जिन खेतों में रोपाई नहीं हो पाई थी वहां रोपाई शुरू हो गई। अब किसानों को उम्मीद है कि फसल लहलहाने लगेगी। किसानों ने धान में खाद डालना भी शुरू कर दिया है।
 

Created On :   4 Aug 2020 10:00 AM GMT

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