बुरे हैं हाल, एक ही डॉक्टर पर डिस्पेंसरी, दुर्घटना और कॉल की जिम्मेदारी

The condition is bad dispensary accident and call responsibility on same doctor
बुरे हैं हाल, एक ही डॉक्टर पर डिस्पेंसरी, दुर्घटना और कॉल की जिम्मेदारी
बुरे हैं हाल, एक ही डॉक्टर पर डिस्पेंसरी, दुर्घटना और कॉल की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर । मध्य रेल नागपुर मंडल के नागपुर स्टेशन पर सबसे ज्यादा डॉक्टर कॉल अटेंड करने का दावा किया जाता है। इसके बावजूद मंडल के महत्वपूर्ण वर्धा स्टेशन पर कोई डॉक्टर अपॉइंट नहीं किया गया है। डिप्टी एसएस पर कोई डॉक्टर पोस्ट नहीं है फिर भी सुविधा के लिए रेलवे की ओर से डॉक्टरों को अपॉइंट करते हैं। लेकिन यहां पर  रेलवे अस्पताल के डॉक्टर ही डॉक्टर कॉल आने पर सुविधा देते हैं। यदि ड्यूटी समय के बाद देर शाम या रात में कॉल आता है, तो डॉक्टर आने में भी समय लग जाता है। कई बार अन्य प्राइवेट डॉक्टरों की तलाश करनी पड़ती है। 

ड्यूटी समय के बाद घर से बुलाने की नौबत
यदि अस्पताल में गंभीर समस्या है तो डॉक्टर स्टेशन पर नहीं पहुंच पाते हैं। साथ ही यदि ड्यूटी समय के बाद यानी शाम 6 बजे के बाद डॉक्टर कॉल आता है, तो डॉक्टर को घर से बुलाया जाता है। ऐसे में डॉक्टर को मरीज के पास पहुंचने में ही समय लग जाता है। स्टेशन पर मौजूद अधिकारी यात्री के सुविधा के लिए प्राइवेट डाॅक्टरों को बुलाने का प्रयास करते हैं। वह भी कभी आते हैं कभी नहीं। इससे कई मरीजों को दूसरी जगह जाना पड़ता है या फिर नागपुर में ही डॉक्टर सुविधा दी जाती है। यही समस्या बल्लारशाह स्टेशन पर भी है।

दिन में हेल्थ सेंटर के डॉक्टर करते हैं अटेंड
नागपुर मंडल में कुल 74 स्टेशन हैं। इसमें नागपुर, वर्धा, बल्लारशाह, आमला, वरोरा और बैतूल महत्वपूण स्टेशनों की श्रेणी में आते हैं। यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को यदि स्वास्थ संबंधित कोई समस्या होती है, तो अधिकतर इन्हीं स्टेशनों पर उपचार के लिए प्राथमिकता दी जाती है। बावजूद इसके नागपुर मंडल के वर्धा और बल्लारशाह स्टेशन पर डिप्टी एस.एस में स्थाई रूप से अपाॅइंट नहीं किया है। रेलवे का मुख्य मंडल अस्पताल नागपुर में है। वर्धा और अन्य जगहों पर कुल 5 हेल्थ सेंटर हैं जहां पर रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों का उपचार होता है। वहां के डॉक्टर ही डॉक्टर कॉल अटेंड करते हैं।

एक डॉक्टर के भेज दिया नागपुर
वर्धा के हेल्थ सेंटर में 2 डॉक्टरों की पोस्ट है। पहले दो डॉक्टर थे। बाद में उसमें से एक डॉक्टर को नागपुर भेज दिया गया। अब एक ही डॉक्टर है, जो डिस्पेंसरी देखते हैं। कोइ इमरजेंसी होने पर या दुर्घटना होने पर सेल्फ प्रिपेयर्ड प्रोपेल्ड वैन में घटना स्थल पहुंच कर उपचार देते हैं। और यही डॉक्टर कॉल भी अटेंड करते हैं।

पद भर्ती जरूरी
सबसे पहले जो पोस्ट है उसे भरना चाहिए, जिससे कर्मचारियों को परेशानी नहीं हो और सुविधा भी अच्छी मिले। साथ ही स्टेशन पर भी कोई आउटसोर्स डॉक्टर अपॉइंट करना चाहिए, जो डॉक्टर कॉल अटेंड कर सके। इससे यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों दोनों की परेशानी खत्म होगी। 
- एस.के. झा, मंडल सचिव, एनआरएमयू
 

Created On :   24 Feb 2020 7:13 AM GMT

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