जनता कफ्र्यू का असर - आईएसबीटी रहा सूना, थमे रहे बसों के पहिए ,चालक और परिचालक के अलावा कोई नहीं नजर आया 

The effect of public curfew - ISBT is listened to, no one is seen except the chauffeur and driver
जनता कफ्र्यू का असर - आईएसबीटी रहा सूना, थमे रहे बसों के पहिए ,चालक और परिचालक के अलावा कोई नहीं नजर आया 
जनता कफ्र्यू का असर - आईएसबीटी रहा सूना, थमे रहे बसों के पहिए ,चालक और परिचालक के अलावा कोई नहीं नजर आया 

डिजिटल डेस्क  जबलपुर । यात्रियों से हमेशा गुलजार रहने वाला आईएसबीटी रविवार को सूना पड़ा रहा,दरअसल यह स्थिति जनता कफ्र्यू की वजह से बनी। सुबह से आईएसबीटी से न तो एक बस रवाना हुई, न ही बाहर से कोई बस आई। पहले से सूचना होने की वजह से यात्री भी नहीं पहुंचे। आईएसबीटी में चालक और परिचालक अपनी-अपनी बसों को सेनेटाइज करते नजर आए। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कफ्र्यू का आव्हान किया है।  वहीं शुक्रवार को जबलपुर में 4 कोरोना पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद कलेक्टर ने बसों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। आईएसबीटी से रोजाना 50 हजार यात्री बसों से सफर करते है। इसकी वजह से आईएसबीटी में सुबह से लेकर देर रात तक भीड़ रहती थी। रविवार सुबह से ही आईएसबीटी सूना नजर आ रहा था, रविवार को आईएसबीटी से एक भी बस नहीं चली, बाहर से भी आईसीबीटी में बसें नहीं आई। आईएसबीटी के आसपास की होटलें, चाय-पान की दुकानें भी बंद रही। इसके बाद भी इक्का-दुक्का यात्री आईएसबीटी पहुंच गए। जब उन्हें यह जानकारी मिली कि बसों का संचालन नहीं होगा, तो वे मायूस होकर लौट गए। चालक और परिचालकों ने इस मौके पर अपनी-अपनी बसों को सेनेटाइज किया। 
मेट्रों बसों का भी संचालन बंद 
जनता कफ्र्यू की वजह से शहर में रविवार को मेट्रो बसें भी नहीं चली। इसके कारण शहर की सड़कें सूनी नजर आई। मेट्रो बस बंद होने का फायदा ऑटो चालकों ने उठाया। जरूरी काम से घर से बाहर निकलने वालों से ऑटो चालकों ने मनमाना किराया वसूला।
 

Created On :   22 March 2020 2:22 PM IST

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