डेंगू के मरीजों में मल्टी ऑर्गन फेलियर का भी बना है खतरा

There is also a risk of multi organ failure in dengue patients
डेंगू के मरीजों में मल्टी ऑर्गन फेलियर का भी बना है खतरा
विशेषज्ञों ने कहा - भारी पड़ सकती है लापरवाही, खूब पिएँ पानी, शहरी क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में डेंगू के मरीज  डेंगू के मरीजों में मल्टी ऑर्गन फेलियर का भी बना है खतरा

डिजिटल डेस्क जबलपुर । डेंगू के नए मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। इस बीच इलाज में लापरवाही के चलते मरीज मल्टी ऑर्गन फेलियर जैसी स्थिति में भी पहुँच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स की कमी होती है, लेकिन सिर्फ यही डेंगू का लक्षण नहीं है। लापरवाही करने पर मरीज मल्टी ऑर्गन फेलियर की ओर बढऩे लगता है। दिल, पेट, लंग्स के आसपास पानी जमा होने लगता है। ऐसे में इलाज में लापरवाही जानलेवा साबित होती है। डेंगू के मरीजों के बेहद अहम प्लेटलेट्स को जुटाने के लिए भी परिजनों को मशक्कत करनी पड़ रही है। शहर में सैकड़ों की संख्या में डेंगू के मरीज हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में यह आँकड़ा 550 के पार ही पहुँचा है। बुधवार को भी 16 नए डेंगू पीडि़त सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हुए, जिसके बाद कुल आँकड़ा 554 हो गया है।
 न करें उपचार में देरी 
मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग से डॉ. ऋतु गुप्ता ने बताया कि डेंगू के दो तरह के मरीज आ रहे हैं, एक वे हैं जिन्हें ओपीडी में ही इलाज देकर घर भेज दिया जाता है, वहीं दूसरे वे मरीज हैं जो गंभीर स्थिति में आ रहे हैं। ऐसे मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, इनमें कुछ मरीजों में मल्टी ऑर्गन फेलियर के लक्षण भी देखे जा रहे हैं। मल्टी ऑर्गन फेलियर की स्थिति में पहुँचने की सबसे बड़ी वजह उपचार में देरी और लापरवाही है।  
 समय पर जाँच जरूरी 
विशेषज्ञों के अनुसार इस समय वायरल बुखार के साथ डेंगू के मरीज भी मिल रहे हैं। ऐसे में समय पर जाँच कराना जरूरी है, ताकि बीमारी स्पष्ट हो सके। साधारण डेंगू के अलावा बुखार में भी प्लेटलेट्स कम होती हैं, जो कि थोड़े वक्त बाद बढऩे भी लगती हैं। गंभीर स्थिति होने पर मरीज का बीपी लो हो जाता है। मल्टी ऑर्गन फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू होने पर पानी खूब पिएँ। पौष्टिक और सादा भोजन करें।   
ऐसे बनती है मल्टी ऑर्गन फेलियर की स्थिति 
जनरल फीजिशियन डॉ. शैलेंन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि आमतौर पर लोग डेंगू को केवल प्लेटलेट्स की कमी से जोड़कर देखते हैं। जबकि डेंगू सिर्फ प्लेटलेट्स की कमी नहीं है। इसमें लंग्स, पेट और दिल के आस-पास पानी भरने की समस्या भी सामने आ जाती है।  अंदरुनी कोशिकाओं में ब्लीडिंग की वजह से मरीज मल्टी ऑर्गन फेलियर की स्थिति में पहुँच जाता है। इस अवस्था में दिल, लीवर, किडनी और लंग्स पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
 

Created On :   23 Sept 2021 3:28 PM IST

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