Jabalpur News: मोहर्रम का समापन: बारिश भी नहीं रोक पाई 'मोहब्बतें हुसैन' का सैलाब, कौमी एकता का अनूठा संगम

यौमे आशुरा पर बारिश के बीच निकला जुलूस ए हुसैनी

Jabalpur News । पैगंबर ए इस्लाम हजरत मुहम्मद (सल्ल.) के नवासे हजरत इमाम हुसैन अली मुकाम की शहादत के पर्व मोहर्रम पर रविवार को शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से ताजिया, सवारियों के जुलूस निकाले गए। बारिश के बीच लोग या अली, या हुसैन के नारे लगाते हुए निकले। विभिन्न मार्गों से होते हुए ताजिया एवं सवारियां रानीताल कर्बला पहुंचीं, जहां उन्हें ठंडा िकया गया। मुहर्रम के जुलूस में हिन्दू एवं मुस्लिम मुजावरों की सवारियां ने कौमी एकता की िमसाल पेश की। जगह-जगह लंगर लगाए गए और वाहनों से भी लंगर बांटा गया। मुहर्रम पर जुलूस बहोरा बाग, चार खंबा, मछली मार्केट, मिलोनीगंज, कोतवाली, कमानिया, बड़ा फुहारा होते हुए रानीताल कर्बला पहुंचा। जुलूस मार्ग पर खड़े जायरीनों ने नम आंखों से ताजिये और सवारियों की जियारत की और उन्हें विदाई दी। जुलूस में इस वर्ष लगभग 250 से अधिक सवारियां और 50 छोटे-बड़े ताजिये शामिल हुए।

कलात्मक ताजिये और सवारियां बनीं आकर्षण का केंद्र

जुलूस में कई आकर्षक ताजिये शामिल हुए। हजरत सूफी गुल बाबा अशरफी द्वारा कायम मन्नत वाला ताजिया, नई बस्ती लंगर कमेटी का ताजिया और सालार मस्जिद के पास वाला ताजिया विशेष रूप से जनआकर्षण का केंद्र रहे। अकीदतमंद अपने बच्चों को ताजिया के नीचे से निकाल रहे थे। जुलूस में विभिन्न आकार की सवारियां भी शामिल हुईं। अनेक सवारियों पर चांदी के छत्र लगे थे और मखानों से निर्मित सवारियां विशालकाय थीं।

सदर और गढ़ा में भी हुए आयोजन

सदर में शाम को जुलूस निकला। इसमें गली नंबर 9 का ताजिया, पुराना ताजिया और गली नंबर 7 में मरहूम अल्लू बाबा की नाले हैदर की सवारी जन आकर्षण का केंद्र रही। जुलूस का नेतृत्व मो. अकबर खान सरवर अशफाक, सिकंदर बाबा, लाल चंदू कुरैशी, साजिद बरकत अहमद और अफजल बाबा ने किया। इस वर्ष 40 से अधिक सवारियां और 7 ताजिये शामिल हुए। जुलूस रानीताल कर्बला पहुंचा, जहां ताजिए एवं सवारियों को ठंडा किया गया। वहीं गढ़ा के जुलसू में 40 से अधिक सवारियां एवं 10 ताजिए शामिल हुए। मुबारक कादरी ने बताया डॉ. सैयद मकबूल अली कादरी, सूफी निजाम बाबा, खलीफा मुमताज मंसूरी, और दादा दरबार की सवारियां आकर्षण का केंद्र रहीं। जुलूस त्रिपुरी चौक होते हुए सूपाताल कर्बला पहुंचा। सूपाताल कर्बला में सैय्यद कादिर अली कादरी वासित कादरी, इनायत कादरी, और जवाहर कादरी ने जुलूस के समापन पर इमाम अली मुकाम की बारगाह में सलातो सलाम पेश किया।

शिया समाज ने निकाला मातमी जुलूस

शिया समाज ने सुबह मस्जिद जाकिर अली में इबादत की। इसके बाद शिया इमामबाड़े में मजलिस हुई। मजलिस के बाद अलम जुलूस निकाला गया। जिसमें शिया बंधुओं ने दर्दनाक मातम किया। फूटाताल, खटीक मोहल्ला, सुनरहाई होते हुए जुलूस कोतवाली थाने के सामने पहुंचा, जहां लखनऊ से पधारे मौलाना जाबिर अंसारी ने संबोधित िकया। उन्होंने युवाओं से कहा िक दुनयावी शिक्षा के साथ मजहबी तालीम भी हासिल करें। क्योंकि धार्मिक शिक्षा प्राप्त इंजीनियर, डाॅक्टर, सरकारी कर्मचारी कभी भ्रष्ट नहीं होंगे। तकरीर के बाद जुलूस आगे बढ़ा। शुजाअत रिजवी, शमसुल, काजिम, फैजान, एजाज, सुज्जु नकवी, भुट्टू ने नोहे पढ़े। जिस पर शिया बंधुुओं ने मातम किया। जुसूल का समापन रानीताल कर्बला में हुआ। संस्था सचिव अफसर नक्वी फीजू ने आभार प्रदर्शन िकया।

Created On :   6 July 2025 10:51 PM IST

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