यह ट्रेनिंग नहीं, आपके कौशल को बढ़ाने की एक प्रक्रिया है -चीफ जस्टिस मित्तल

This is not a training, but a process to increase your skills - Chief Justice Mittal
यह ट्रेनिंग नहीं, आपके कौशल को बढ़ाने की एक प्रक्रिया है -चीफ जस्टिस मित्तल
यह ट्रेनिंग नहीं, आपके कौशल को बढ़ाने की एक प्रक्रिया है -चीफ जस्टिस मित्तल

ऑनलाईन ट्रेनिंग के शुभारंभ पर 155 नए जजों को ऑनलाईन संबोधित किया
डिजिटल डेस्क  जबलपुर ।
प्रदेश के नवनियुक्त 155 सिविल जजों को ऑनलाईन प्रशिक्षण के शुभारंभ अवसर पर चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल ने अपने ऑनलाईन संबोधिन में कहा कि यह सिर्फ ट्रेनिंग नहीं, बल्कि आपके कौशल और कानूनी ज्ञान को बढ़ाने की एक प्रक्रिया है। यह काफी जरूरी है, क्योंकि निचली अदालत में आपको न्यायाधीश की आसंदी पर बैठकर न्याय करना है। वह ऐसी जगह है, जहां पर आम पक्षकार आते हैं और जजों से सीधे संवाद भी करते हैं। आपके आचरण को देखकर ही एक आम पक्षकार आपकी छवि अपने मन में बैठाकर वहां से जाएगा। इसलिए आपको अपने ज्ञान से हर एक पक्षकार को प्रभावित करना होगा। चीफ जस्टिस ने सभी नव नियुक्त जजों से अपील की कि कोविड-19 के इस दौर में उन्हें  इंडक्शन कोर्स के जरिए दिए जा रहे इस ट्रेनिंग को पूरी गंभीरता के साथ लिया जाए।
मप्र स्टेट ज्यूडीशियल एकेडमी द्वारा सोमवार से शुरु हुए इस चार सप्ताह के ऑनलाईन इंडक्शन कोर्स की खासियत यह है कि इसमें ट्रेनिंग लेने वाले सभी जज अपने-अपने जिलों से उसमें ऑनलाईन शामिल होंगे। एकेडमी के डायरेक्टर रामकुमार चौबे ने बताया कि चार सप्ताह तक हर रोज सुबह साढ़े दस बजे से शुरु होने वाले इस सत्र की शुरुआत होगी। उन्होंने बताया कि यह कोर्स बीते अप्रैल माह में शुरु होना था, लेकिन कोरोना संकट के दौरान घोषित लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की बाध्यता के चलते ऐसा नहीं हो सका था। जबलपुर में स्थित अकादमी देश की पहली ऐसी ज्यूडीशिल एकेडमी है, जो प्रदेश के नवनियुक्त सिविल जजों को ऑनलाईन इंडक्शन कोर्स दे रही है।

Created On :   12 May 2020 8:58 AM GMT

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