खेत की मेढ़ पर घंटों बैठा रहा बाघ, ग्रामीणों में दहशत

Tiger sitting on farmland for hours, terror among villagers
खेत की मेढ़ पर घंटों बैठा रहा बाघ, ग्रामीणों में दहशत
खेत की मेढ़ पर घंटों बैठा रहा बाघ, ग्रामीणों में दहशत


डिजिटल डेस्क बरही/ कटनी।  बरही वन परिक्षेत्र के झिरिया नर्सरी के समीप खेत की मेढ़ पर बाघ घंटों बैठा रहा, जिससे किसानों में दहशत फैल गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और शाम तक केवल बाघ की निगरानी करती रही। डेढ़ घंटे बाद बाघ के जंगल की ओर रवाना होने से ग्रामीणों के साथ वन विभाग की टीम ने भी राहत की सांस ली। स्थानीय लोगों ने सोमवार शाम करीब चार बजे एक वयस्क बाघ को श्यामसुंदर उपाध्याय के खेत की मेढ़ पर बैठे देखा तो यह खबर गांव में आग की तरह फैल गई। बाघ देखने लोगों का हुजूम जुटने लगा।
सूचना पर पहुंचा वन विभाग का अमला-
 जानकारी मिलते ही वन विभाग के एसडीओ ओपी बघेल, डिप्टी रेंजर रामयश मिश्रा, पंंकज दुबे एसएएफ के साथ पहुंचे और ग्रामीणों को बाघ से दूर रहने की समझाइश दी और किसी को आगे नहीं बढऩे दिया। बताया गया है कि बाघ शाम साढ़े पांच जंगल की ओर चला गया।  इस क्षेत्र में बाघों के मूवमेंट से कृषि कार्य भी प्रभावित होता है। इन दिनों खेता में धान की फसल पकी खड़ी है लेकिन बाघों के डर से लोग कटाई भी नहीं करा पा रहे हैं।
आधा दर्जन से अधिक बाघों का मूवमेंट-
बरही क्षेत्र के गांव बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एरिया के बफर जोन में शामिल हैं। यहां झिरिया, कुठिय मुहगवां, करौंदी कला, करौंदीखुर्द, जाजागढ़, कुआं, बिचपुरा, मचमचा, पिपरियाकला, सलैया सिहोरा आदि गांवों में पिछले दो साल से लगभग 8-10 बाघों का मूवमेंट बना है। अभी हाल ही में 28 सितम्बर को लमनाटोला में एक बाघ पहुंच गया था। इसके पहले 13 अगस्त को पिपरियाकला में एक किसान के खेत के कुआं में बाघ शावक गिर गया था, जो वर्तमान में मुकुंदपुर सफारी का मेहमान है।

Created On :   4 Nov 2019 4:37 PM GMT

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