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उद्धव ने जताया दुख, मोदी ने कहा - संस्कृति की दुनिया में बड़ा शून्य छोड़ा, शाह बोले - एक युग का हुआ अंत
डिजिटल डेस्क, पुणे। पद्मविभूषण और महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित इतिहासकार और लेखक शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे का सोमवार तड़के 5 बजे दीनानाथ मंगेशकर मेमोरियल अस्पताल में निधन हो गया। पुरंदरे 100 वर्ष के थे। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें शनिवार को अस्पताल भर्ती कराया गया था। जहां हालात गंभीर होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। बाबासाहेब पुरंदरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को जन-जन तक पहुंचाया था। मराठी के वरिष्ठ साहित्यकार के निधन पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दुख जताया, साथ ही राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की घोषणा की। पुरंदरे का नाम शिवशहर बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे था. उनका जन्म 29 जुलाई, 1922 को सासवड में हुआ, पत्नी का नाम निर्मला था, 3 बच्चे हैं, जिनके नाम माधुरी पुरंदरे, प्रसाद पुरंदरे और अमृत पुरंदरे हैं। पत्नी निर्मला पुरंदरे अपने शैक्षिक कार्यों के लिए काफी प्रसिद्ध थीं। उन्हें ‘पुण्य भूषण’ पुरस्कार भी मिल चुका है।
मुख्यमंत्र उद्धव ठाकरे ने उनके राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के निर्देश दिए थे। छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और उनके इतिहास को दुनिया भर में फैलाने में बाबासाहेब का योगदान बहुमूल्य रहा। बाबासाहेब ने 1980 के दशक में जाणता राजा के नाम से छत्रपति शिवाजी शिवाजी महाराज के जीवन पर केंद्रित नाटक लिखने के बाद उसका निर्देशन किया। इससे शिवाजी महाराज का जीवन चरित्र घर-घर पहुंच सका। उनकी मराठी पुस्तक राजा शिवछत्रपती बहुत लोकप्रिय हुई। बाबासाहेब को साल 2019 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। प्रदेश सरकार ने उन्हें साल 2015 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से नवाजा था।
I am pained beyond words. The demise of Shivshahir Babasaheb Purandare leaves a major void in the world of history and culture. It is thanks to him that the coming generations will get further connected to Chhatrapati Shivaji Maharaj. His other works will also be remembered. pic.twitter.com/Ehu4NapPSL
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2021
संस्कृति की दुनिया में बड़ा शून्य छोड़ा - मोदी
पुरंदरे के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मैं इस सूचना से दुखी हूं और मेरे पास शब्द नहीं हैं. बाबासाहेब पुरंदरे का निधन इतिहास और संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा शून्य छोड़ गया। उनकी बदौलत आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी रहेंगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताते हुए ट्वीट में लिखा कि कुछ वर्ष पूर्व बाबासाहेब पुरंदरे जी से भेंट कर लंबी चर्चा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उनकी ऊर्जा और विचार प्रेरणा भरे थे। उनका निधन एक युग का अंत है।
लाल किले पर शिवाजी नाटक का मंचन
उनकी बेटी माधुरी पुरंदरे भी एक गायिका और लेखिका हैं। पुरंदरे की इच्छा थी कि दिल्ली के लालकिले पर शिवाजी नाटक का मंचन हो, साल 2018 में केंद्र सरकार ने संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की ओर से 6-10 अप्रैल के बीच लालकिले पर नाटक का मंचन किया गया था।
पुरंदरे के निधन पर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, केंद्रीय मंत्रियों और प्रदेश सरकार के मंत्रियों, विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने बाबासाहेब के निधन पर निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे, राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, पुणे मनपा के महापौर मुरलीधर मोहोल समेत कई नेताओं और जन सामान्य ने पुरंदरे को श्रद्धांजलि दी।
Created On :   15 Nov 2021 7:15 PM IST