जलाशय के पानी के कारण दलदल में धंस रहा गांव

Village submerged in swamp due to water of reservoir
जलाशय के पानी के कारण दलदल में धंस रहा गांव
गोंदिया जलाशय के पानी के कारण दलदल में धंस रहा गांव

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. गोरेगांव तहसील के कटंगी मध्यम प्रकल्प के जलाशय के पानी से पिंडकेपार गांव दलदल में फंस रहा है। मकानों की दीवारों में गीलापन आने से मकान धराशायी हो रहे हैं। वहीं अनेक मकान की दीवारें गीली होने से कभी भी मकान जमींदोज होने का खतरा बना हुआ है। जलाशय के पानी से भूजल स्तर बढ़ जाने से पिंडकेपार गांव का अस्तित्व खतरे में आ चुका है। बता दें कि, मध्यम प्रकल्प गोंदिया विभाग की ओर से कटंगी मध्यम प्रकल्प जलाशय निर्माण के लिए 15 जनवरी 1983 को अधिसूचना जारी की गई थी। 1990 में निर्माणकार्य की शुरुआत की गई। प्रकल्प के निर्माण के लिए पिंडकेपार ग्राम के किसानों की 123.21 हेक्टेयर आर जमीन संपादित की गई है। इस प्रकार पाथरी ग्राम के किसानों की 132.15 व कटंगी ग्राम के किसानों की 11.01 हेक्टेयर आर जमीन भू-संपादित की गई है। जलाशय के निर्माणकार्य को पूर्ण रूप दिया गया, जिस कारण इस जलाशय के पानी से जिले की 2 हजार 453 हेक्टेयर खेती को सिंचाई उपलब्ध की जा रही है। पहले ही अल्प दाम पर किसानों को मुआवजा देकर जमीन संपादित की गई। जिनकी जमीन गई वे पूरी तरह से भूमिहीन होकर प्रकल्पग्रस्त हो गए हैं। जिनकी आर्थिक परिस्थिति मजबूत थी उन किसानों ने अन्य स्थानों पर खेती खरीदी की, लेकिन 90 प्रतिशत प्रकल्पग्रस्त किसानों ने जमीन खरीदी नहीं करने से वे आज भी भूमिहीन हैं। प्रकल्पग्रस्तों को नौकरी नहीं मिलने के कारण बेरोजगार हो गए हैं, लेकिन अब पिछले 3 से 4 वर्षों से इस जलाशय से नई समस्या निर्माण होने लगी है। इस समस्या से गांव का अस्तित्व खतरे में आ गया है। बताया गया है कि, कटंगी प्रकल्प के पानी से पिंडकेपार गांव का भूजल स्तर बढ़ गया है। जिस कारण पिंडकेपार गांव दल-दल बन चुका है। 

मकानों की दीवारों पर 3 से 4 फीट तक गीलापन आ गया है। जिस कारण मकान सीधे नीचे गिर रहे हैं। जो गिरने की स्थिति में हैं उन मकानों में पीड़ितों ने रहना छोड़ दिया है। अनेक ग्रामवासी दूसरों के घरों में रह रहे हैं, तो अनेकों ने गांव छोड़ दिए हैं। लगभग आधे से अधिक गांव के मकान गीले हो चुके हैं। जिस कारण गांव में दलदल निर्माण होने से गांव का अस्तित्व खतरे में आ गया है। ग्रामवासियों द्वारा मांग की गई है कि, पुनर्वसन योजना के तहत गांव में ही नए मकान तैयार करने के लिए अनुदान की राशि दी जाए ताकि गांव का अस्तित्व बचा रहे और ग्रामवासी इस खतरे से मुक्त हो जाएं। बताया गया है कि, पिंडकेपार ग्राम की जनसंख्या ढाई हजार से अधिक है, जहां पर परिवारों की संख्या 438 है। 80 प्रतिशत मकानों की दीवारों में गीलापन आ जाने से यह मकान कभी भी ढह सकते हैं। जिससे बड़ी अनहोनी की आशंका बनी है। फिर भी मजबूरन ग्रामवासी मकानों में निवास कर रहे हैं। 438 परिवारों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है। 

Created On :   28 Sept 2022 7:21 PM IST

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