शौर्य चक्र विजेता कर्नल को सम्मान निधि के 8 लाख क्यों नहीं दे रही सरकार

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शौर्य चक्र विजेता कर्नल को सम्मान निधि के 8 लाख क्यों नहीं दे रही सरकार

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और जबलपुर कलेक्टर को नोटिस जारी कर पूछा है कि शौर्य चक्र विजेता कर्नल को सम्मान निधि के 8 लाख रुपए क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 मई को नियत की गई है। 

9 साल तक प्रदेश सरकार के साथ हुआ पत्र व्यवहार 
कटंगा जबलपुर निवासी कर्नल मनु शुक्ला की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वे वर्ष 2008 में भारतीय सेना में मेजर के पद पर जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। इस दौरान उन्होंने एनकाउंटर में दो आतंकवादियों को मारा था। इसके लिए उन्हें वर्ष 2009 में राष्ट्रपति द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। शौर्य चक्र विजेताओं को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एकमुश्त 8 लाख रुपए सम्मान निधि और 1500 रुपए प्रति माह स्टायफंड देने का प्रावधान है। इस प्रावधान के तहत उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के पास सम्मान निधि और स्टायपेंड के लिए आवेदन दिया। 9 साल तक लगातार प्रदेश की तत्कालीन सरकार के साथ उनका पत्र व्यवहार होता रहा, लेकिन उन्हें सम्मान निधि और स्टायफंड नहीं दिया गया।

सामान्य प्रशासन के विभाग के प्रमुख और जबलपुर कलेक्टर से जवाब मांगा
दिसंबर 2018 में प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सम्मान निधि और स्टाय फंड देने की मांग की, लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया। अधिवक्ता अजय पाल सिंह और आशीष बघेल ने तर्क दिया कि प्रावधान होने के बाद भी राज्य सरकार शौर्य चक्र विजेताओं को सम्मान निधि और स्टायफंड नहीं दे रही है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन के विभाग के प्रमुख और जबलपुर कलेक्टर से जवाब मांगा है।  
 

Created On :   12 April 2019 1:41 PM GMT

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