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आशा कार्यकर्ता चयन में स्लम एरिया की महिलाओं को किया दरकिनार - बारह वार्ड में योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने का दावा
डिजिटल डेस्क कटनी । शहरी आशा चयन में गड़बड़ी के आरोप में स्वास्थ्य मोहकमा घिर गया है। दरअसल नगर के जिस स्लम एरिया में आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती की जानी थी, वहां पर ऐसी महिलाओं का चयन कर दिया गया, जो उस बस्ती की नहीं हैं। सत्रह वार्डों में बारह वार्ड ऐसे रहे, जहां पर वहां की महिलाओं को मौका नहीं मिला है। जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हो गया। स्लम एरिया की महिलाओं का कहना है कि वे भी दसवीं पास हैं, लेकिन उनकी बस्तियों में उन्हें मौका न देकर अन्य लोगों को मौका दिया गया है। इसे लेकर गुरुवार को सीएमएचओ कार्यालय में खींचातानी भी मची रही। जिसमें कुछ महिलाएं पहुंची, और उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को अंधेरे में रखकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मनमानी करते हुए चहेतों को लाभ
पहुंचाने का काम किया है। इस संबंध में स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि चयन समिति ने जो निर्णय किया है। उसी के आधार पर आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया गया है।
चयन समिति ने किया फैसला
इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी इसे चयन समिति का फैसला करार दे रहे हैं। जबकि विभागीय सूत्रों ने बताया कि अधिकांश स्लम एरिया में नियमों को दरकिनार करते हुए अन्य एरिया से महिलाओं का चयन किया गया है। जबकि स्लम एरिया में भी ऐसी महिलाएं हैं, जो दसवीं और हायर सेकेण्ड्री उत्र्तीण हैं। फिर भी उन्हें मौका न देते हुए अन्य महिलाओं को यह मौका दिया गया है। स्थानीय स्तर पर भर्ती प्रक्रिया में जमकर गड़बड़झाला किया गया है।
यहां पर नहीं मिली महिलाएं
नगर के सत्रह वार्डों को स्लम एरिया में शामिल किया गया है। इसमें से छह बस्तियां ऐसी रहीं, जहां पर महिलाओं के आवेदन नहीं देने या फिर दसवीं से कम पढ़े-लिखे होने की बात स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। वार्ड क्रमांक एक के स्लम एरिया की किसी महिला को आशा कार्यकर्ता के रुप में चयन होने का मौका नहीं मिला है। इसी तरह से वार्ड क्रमांक तीन में दो आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया जाना था। यहां पर भी दोनो चयनित महिला इस एरिया की नहीं हैं। वार्ड क्रमांक 15 में तीन पद आशा कार्यकर्ता के रिक्त हैं। इसी तरह से वार्ड क्रमांक 23 में एक, वार्ड क्रमांक 25 में एक, वार्ड क्रमांक 29 , वार्ड क्रमांक 34,35,36, 43 और 45 को स्लम एरिया में शामिल किया गया है। इसमें से कई वार्डों में आशा कार्यकर्ताओं का चयन करते हुए अनतिम सूची का प्रकाशन विभाग ने कर दिया है।
जांच कराने की उठी मांग
आशा कार्यकर्ता भर्ती प्रक्रिया में जांच की मांग उठने लगी है। महिलाओं का कहना है कि यदि जांच ठीक तरह से कराई जाए, तो कई तरह की गड़बड़ी सामने आएगी। हालांकि यह पहला मामला नहीं है, जब स्वास्थ्य विभाग ने नियमों को दरकिनार किया हो, इसके पहले भी स्वास्थ्य विभाग इसी तरह का कारनामा कर चुका है। ताजा मामला टीबी मरीजों के पोषण आहार का है। टीबी शाखा के बाबुओं ने मरीजों के हिस्से की राशि अपने खाते में जमा करा ली। भोपाल के अधिकारियों ने जब गड़बड़ी पकड़ी, तब संबंधित कर्मचारियों से चेक लेते हुए उन्हें अभयदान दे दिया गया।
इनका कहना है
स्लम बस्ती से ही महिलाओं का चयन आशा कार्यकर्ता के लिए किया जाना था, लेकिन कई जगहों से आवेदन नहीं आए, और कुछ जगहों से आवेदन आए भी, तो महिलाएं दसवीं पास नहीं रहीं। जिसकी जानकारी कलेक्टर को दी गई। कलेक्टर के आदेश के बाद दूसरे एरिया की महिलाओं का चयन किया गया है।
- डॉ.एस.के.निगम, सीएमएचओ
Created On :   21 Sept 2019 3:05 PM IST