चार माह कराया काम, मानदेय में अटेंडेंस का बहाना - युवा स्वाभिमान के हाल-बेहाल

Work done for four months, excuse of attendance in honorarium - condition of young self-respect
चार माह कराया काम, मानदेय में अटेंडेंस का बहाना - युवा स्वाभिमान के हाल-बेहाल
चार माह कराया काम, मानदेय में अटेंडेंस का बहाना - युवा स्वाभिमान के हाल-बेहाल

डिजिटल डेस्क कटनी । युवा स्वाभिमान योजना के तहत गर्मी में पसीना बहाने वाले दो दर्जन से अधिक युवाओं और युवतियों के साथ बड़ा छलावा किया गया है। नगर निगम मुड़वारा में ऑफिस में बैठकर जहां कर्मचारियों के आदेशों का पालन ये युवा मानदेय पाने के लिए करते रहे। वहीं इन्हें वार्डों में भेजकर सर्वे कार्य भी कराया गया, लेकिन जब मानदेय देने की बारी आई तो नगर निगम के अफसर यह कहकर हांथ खड़े कर दिए कि भोपाल में उनका अटेंडेंस ही काऊंट नहीं हुआ है। जिसके चलते उन्हें मानदेय नहीं दिया जा रहा है।
विसंगतियों का दौर       
जिले में युवा स्वाभिमान शुरुआती दौर से ही विसंगतियों से घिरा रहा। यहां पर चार से पांच ऐसे ट्रेड में प्रशिक्षण दिलाने का काम किया गया। जिस प्रशिक्षण से संस्थाओं का तो भला हो गया, लेकिन युवाओं की हालत जस की तस रही। ब्यूटीशियन, सेल्स प्रतिनिधि जैसे ट्रेनिंग दिलाकर युवाओं को बेहतर भविष्य का सपना दिखाया गया। करीब 2000 युवाओं ने यहां पर पंजीयन कराया। जिसमें 950 युवाओं को रोजगार दिया जाना था। इसमें 890 ऑन बोर्डिंग हुए।
जिसमें से कई लोग ऐसे रहे, जो बीच में ही इससे दूरी बना लिए। करीब 300 युवा चार माह तक काम किए। इसमें दो दर्जन युवाओं को अभी तक मानदेय नहीं मिला है।
चार माह से सिर्फ इंतजार
चार माह से दो दर्जन युवा मानेदय के लिए सिर्फ इंतजार कर रहे हैं। इसकी शिकायत नगर निगम कमिश्नर से भी कर चुके हैं। इसके बावजूद  इन्हें मानदेय नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि पहले अधिकारी जहां मानदेय नहीं आने की बात कर रहे थे। वहीं अब अधिकारियों ने यह राग आलपना शुरु कर दिया है कि उनकी उपस्थिति में ही भोपाल स्तर से गड़बड़ी है। वहां से सुधार कार्य होने पर ही मानदेय दिया जा सकेगा। अधिकारी भी टाल-मटोल रवैया अपना रहे हैं।
जमा पैसे भी चले गए
युवाओं का कहना है कि घर से यह कहकर पैसे लिए थे कि उन्हें नगर निगम में काम मिला है। मानदेय मिलने पर वे राशि वापस कर देंगे। लेकिन अब तो घर की जमा पूंजी लगाने के बाद युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। नरगिस ने बताया कि तीन माह तक उसे फील्ड में भेजते हुए सर्वे कार्य कराया गया। एक माह तक आफिस में भी काम लिया गया। यहां पर अधिकारी यही कहते रहे कि उन्हें मानदेय मिलेगा। इसके बावजूद अभी तक मानदेय नहीं मिला है। रक्षा शुक्ला और अन्य युवाओं ने अपनी व्यथा बताई।
इनका कहना है
 युवा स्वाभिमान के तहत कुछ युवाओं के मानदेय रुकने की जानकारी है। विसंगति को दूर किया गया है। जल्द ही इन्हें मानदेय देने का काम किया जाएगा।
- अमित प्रकाश
 

Created On :   18 Nov 2019 9:53 AM GMT

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