Satara News: लेफ्टिनेंट कमांडर हर्षवर्धन और प्रियंका ने रचा क्रांति प्रेरणा विवाह

लेफ्टिनेंट कमांडर हर्षवर्धन और प्रियंका ने रचा क्रांति प्रेरणा विवाह
दिखावट से दूर रहकर क्रांति स्मृतीवन में हुई अनूठी शादी

भास्कर न्यूज, सांगली। इतिहास का स्मरण, शहीदों को वंदन, संवैधानिक मूल्यों का सम्मान और पौधारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए, छत्रपति शाहू विचारों के एड. संभाजीराव मोहिते के पुत्र लेफ्टिनेंट कमांडर हर्षवर्धन मोहिते और सुनील पाटिल की पुत्री प्रियंका का विवाह बलवड़ी (तहसील पलूस, जिला सांगली) स्थित क्रांति स्मृतीवन में संपन्न हुआ। आज के दिखावटी और खर्चीले विवाह समारोहों के दौर में, इस नवदंपति ने समाज के सामने अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत किया है।

बलवड़ी स्थित स्मृतीवन की स्थापना वरिष्ठ पर्यावरणविद् संपतराव पवार ने 1992-93 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की स्मृति में की थी। यहां आज भी सैकड़ों वृक्ष हरियाली का संदेश दे रहे हैं। इन्हीं वृक्षों की साक्षी में, नवदंपति ने भारतीय ध्वज, संविधान और महापुरुषों की प्रतिमाओं को नमन किया, वृक्षों को पानी दिया और नए पौधे लगाकर अपने विवाह को पूर्णता प्रदान की। इस विवाह समारोह में न कोई धार्मिक विधि थी, न बैंड-बाजा, न सजावट और न ही घोड़ा; यह विचारों, जिम्मेदारी और संस्कारों का अद्भुत संगम था।

इस 'क्रांति प्रेरणा विवाह' समारोह के दौरान, शहीदों की स्मृति पुस्तिका का प्रकाशन भी किया गया। इस अवसर पर पलूस और कुंडल महाविद्यालयों के विद्यार्थी उपस्थित थे। भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में करियर के अवसर और सैन्य बल अधिकारी भर्ती की तैयारी विषय पर विशेष संवाद भी आयोजित किया गया था। आयरन मैन विजेता बलराज पाटिल और डॉ. दिग्विजय सालुंखे ने युवाओं को प्रेरणादायक मार्गदर्शन दिया।

कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्रता सेनानी (स्वर्गीय) जी. डी. पाटिल और (स्वर्गीय) गजाननराव बंडोजी पाटिल की स्मृति में पौधारोपण भी किया गया। यह विवाह समारोह इतिहास, पर्यावरण और सामाजिक जागरूकता का संगम था। समाज के सभी वर्गों द्वारा इस विवाह की सराहना की जा रही है। इस नवदंपति ने जो मार्ग दिखाया है, वह यह बताता है कि परंपराओं से बड़े मूल्य होते हैं, और यह आज की पीढ़ी के लिए सही मायने में प्रेरणादायक साबित हुआ है।

क्रांति प्रेरणा विवाह केवल एक विवाह नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संदेश है। इस विवाह के माध्यम से केवल दो व्यक्ति नहीं, बल्कि दो विचार एक साथ आए हैं। यह पर्यावरण संरक्षण, संविधान के प्रति निष्ठा और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को बल देने वाला एक प्रयास है।

-एड. संभाजीराव मोहिते, छत्रपति शाहू महाराज चरित्र अध्येता, कराड

Created On :   10 Nov 2025 5:00 PM IST

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